यंग भारत ब्यूरो
अगर आप सोशल मीडिया पर किसी अंजान से दोस्ती कर रहे हैं तो आपको आज ही सावधान हो जाने की जरूरत है. पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया पर हुस्न के जाल में फंसाकर लोगों से पैसे ठगने का खेल खुलेआम चल रहा है और वर्तमान में ऐसे मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. पुणे पुलिस ने हाल में राजस्थान के एक गांव से देश के कई इलाकों में सेक्सटॉर्शन की वारदातों को अंजाम देने वाले एक कथित मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है जिसके बाद पुलिस को एक गांव के बारे में पता चला है. पुलिस का कहना है कि अलवर जिले के लक्ष्मणगढ़ इलाके के गोथरी गुरु गांव में सेक्सटॉर्शन का रैकेट चलता है जहां पूरे गांव के लोग इन मामलों में लिप्त है.
मिली जानकारी के मुताबिक पुणे पुलिस एक 19 वर्षीय युवक की सुसाइड से जुड़े मामले में जांच कर रही थी जिसने बीते दिनों एक “महिला” द्वारा सोशल मीडिया पर ब्लैकमेल करने के बाद आत्महत्या कर ली थी. युवक की मौत के तार राजस्थान से जुड़े जिसके बाद अलवर के लक्ष्मणगढ़ इलाके के गोथरी गुरु गांव के रहने वाले 29 वर्षीय अनवर सुबान खान को पकड़ा गया.
बता दें कि सेक्सटॉर्शन का यह कोई पहला मामला नहीं है जिसमें किसी गिरोह का पर्दाफाश किया गया हो. इससे पहले भी दिल्ली के पश्चिम विहार इलाके के एक युवक ने व्हाट्सएप पर एक युवती से दोस्ती के बाद पैसे की वसूली कि शिकायत दर्ज करवाई थी जिसके बाद पुलिस ने राजस्थान के भरतपुर से 23 साल के गोविंदराम को पकड़ा था जिसने अश्लील वीडियो बनाकर कई लोगों ने वसूली को अंजाम दिया था. मालूम हो कि पिछले सालों में खासकर राजस्थान और मेवात इलाके से किए जाने वाले सेक्सटॉर्शन के मामले बढ़े हैं.
कम पढ़े-लिखे होते हैं गिरोह के लोग
राजस्थान के भरतपुर में बीते महीने पकड़े गए 23 साल के गोविंदराम से पूछताछ में पता चला कि उसने अश्लील वीडियो बनाकर कई लोगों ने वसूली को अंजाम दिया था. वहीं पूछताछ में उसने बताया कि वह 10वीं क्लास पास है और अपने भाई और दोस्तों के साथ मिलकर सेक्सटॉर्शन का धंधा करता है.
बता दें कि इस तरह के मामलों में शामिल लोग एक गिरोह में वारदात को अंजाम देते हैं, इन मामलों में गिरोह के हर शख्स की भूमिका तय की जाती है और अक्सर मामलों में आरोपी कम पढ़े-लिखे होते हैं. राजस्थान के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) के एडिशनल डीजीपी अशोक राठौड़ एक बयान में कहते हैं कि’पैसा बनाने के नए रास्ते तलाशने के लिए अपराधी इस तरह का दिमाग भिड़ाते रहते हैं जिनमें सेक्सटॉर्शन एक नया चलन है.
बढ़ा नाबालिगों का भी इस्तेमाल
वहीं जैसलमेर में हाल में एक केस सामने आया जहां एक युवक ने केस दर्ज कराया था कि उसके व्हाट्सएप पर अश्लील मैसेज और फिर वीडियो कॉल आया और अब उसके न्यूड वीडियो से पैसे की मांग की गई. पुलिस ने मामले में हरियाणा से आरोपियों को पकड़ा जिनका गैंग भरतपुर और हरियाणा के मेवात सहित अन्य इलाकों में एक्टिव पाया गया.
वहीं पुलिस को पता चला कि आरोपियों की उम्र 15 से 17 साल है जिनको युवकों से बात कराकर सेक्सटॉर्शन में फंसाया जाता है. पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने बताया कि इस उम्र के बच्चों की आवाज पतली होती है, जिससे कॉल पर बात करते समय वह महिलाओं-लड़कियों जैसी लगती है और लोग आसानी से उसमें फंस जाते हैं.
मेवात इलाका बना सेक्सटॉर्शन का गढ़
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक भरतपुर का मेवात इलाका साइबर ठगों का गढ़ बन गया है. हाल में भरतपुर पुलिस ने यहां एक गांव से 58 हजार 9 सौ 91 सिम कार्ड बंद किए हैं और इसके साथ ही 69 हजार 599 मोबाइल फोन ब्लॉक किए हैं. बता दें कि साल 2022 में जनवरी से अब तक दूसरे राज्यों की पुलिस भरतपुर के मेवात इलाके में 150 बार दबिश दे चुकी है.
वहीं पुलिस का कहना है कि मेवात इलाके के सात पुलिस जिलों में ऐसे कई सक्रिय नंबरों का घनत्व दिखाई देता है जिनमें भरतपुर, अलवर, भिवाड़ी तथा यूपी में आगरा और मथुरा, हरियाणा में नूह और मेवात और दिल्ली के कुछ हिस्से आते हैं. इन इलाकों से सेक्स और ब्लैकमेल के मामलों में कई गिरफ्तारियां हुई है.
ऐसे बनाते हैं सेक्सटॉर्शन रैकेट का शिकार
पुलिस का कहना है कि इन मामलों में अपराधी अक्सर महिला होने का नाटक करते हुए लोगों को वीडियो कॉल करते हैं. अपराधियों की इस करतूत से बेखबर युवा कई बार युवा हनी ट्रैप में फंस जाते हैं और सेक्सटॉर्शन रैकेट का शिकार बन जाते हैं.
सेक्सटॉर्शन रैकेट चलाने वालों के छल से अनजान लोग जब उनकी कॉल रिक्वेस्ट का जवाब देते हैं तो स्क्रीन पर एक अश्लील वीडियो आता है और कुछ देर बाद कॉल कट जाती है. और इसके बाद शुरू होता है ब्लैकमेल का गंदा खेल. गिरोह में शामिल लोग ब्लैकमेल करने के लिए टेक्स्ट मैसेज भेजते हैं जिसमें धमकी दी जाती है, ‘पैसा भेजो…बताओ, नहीं कर दूं वायरल?’
इसके बाद अपमान और शर्मिंदगी के डर से पीड़ित परेशान हो जाते हैं और पैसे देने लगते हैं लेकिन उनसे एक बार नहीं कई बार जबरन पैसे वसूले जाते हैं. हनी ट्रैप के शिकार जबरन वसूली की रकम किस्तों में चुकाते हैं. अगर इसमें थोड़ी चूक हो जाए तो उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ती है.