लखनऊ: राजधानी लखनऊ में समाजवादी पार्टी (सपा) के मीडिया सेल के ट्विटर हैंडल से कथित रूप से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में एक स्वतंत्र पत्रकार को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी।
हालांकि, सपा ने गिरफ्तार स्वतंत्र पत्रकार का उसके मीडिया सेल से कोई संबंध होने से इनकार किया है। यूट्यूब चैनल चलाने वाले अनिल यादव को शुक्रवार को पत्रकार मनीष पांडे की शिकायत के आधार पर गिरफ्तार किया गया था। पांडे ने 23 नवंबर को सपा के मीडिया सेल के ट्विटर हैंडल को चलाने वाले अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ हजरतगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
हजरतगंज के अपर पुलिस आयुक्त अरविंद कुमार वर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि यादव सपा के मीडिया सेल के हैंडल से टिप्पणी कर रहा था।
उन्होंने कहा कि मामले की विस्तृत जांच की जा रही है। संपर्क करने पर, समाजवादी पार्टी के नेताओं ने यादव के पार्टी के साथ किसी भी तरह के संबंध होने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि वह एक स्वतंत्र पत्रकार है, जो प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार को बेनकाब कर रहा है।
हजरतगंज थाने में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295 ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य), 504 (जानबूझकर अपमान) 505 (अफवाह फैलाने के इरादे से किसी भी मिथ्या कथन का प्रकाशन या प्रसारण) और 500 (मानहानि) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
शिकायतकर्ता पांडे ने आरोप लगाया कि सपा के मीडिया सेल के ट्विटर हैंडल से गोरक्षनाथ मठ के खिलाफ आपत्तिजनक ट्वीट किया गया था, जिस पर उन्होंने मठ को लेकर इस तरह के पोस्ट न करने का आग्रह किया था, क्योंकि यह करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है। पांडेय ने दावा किया कि इसके बाद सपा के मीडिया सेल के हैंडल से उनके खिलाफ अपमानजनक पोस्ट किए गए।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुख् यमंत्री योगी आदित् यनाथ गोरखपुर की गोरक्षनाथ पीठ के पीठाधीश्वर हैं।
सपा के मीडिया सेल के ट्विटर हैंडल से शनिवार को ट्वीट किया गया था, “पत्रकार अनिल यादव जी अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से भाजपा सरकार में जनता के साथ हो रही ज्यादतियों और अत्याचारों की पोल खोल रहे थे। इससे नाराज होकर भाजपा सरकार ने प्रशासन के माध्यम से अनिल यादव जी को असंवैधानिक रूप से गुंडागर्दी करके गिरफ्तार करवा दिया। शर्मनाक।”
एक अन्य ट्वीट में कहा गया था, “अनिल यादव जी की तत्काल रिहाई और ससम् मान घर वापसी हो। भाजपा सरकार लोकतंत्र का गला घोंटने, संविधान का अपमान करने और जनपक्षधारी पत्रकारिता को सत्ता की ताकत से रोकने की कुचेष्टा कर रही है। आजाद आवाज हर नागरिक का संवैधानिक अधिकार है। संविधान दिवस पर संविधान का अपमान न करे भाजपा।”
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