लखनऊ। एक बार फिर से एलडीए की एक अन्य योजना में फर्जी रजिस्ट्री संबंधी मामला सामने आया है। योजना का नाम है टीपी नगर (ट्रांसपोर्ट नगर योजना) और भूखंड हैैं कॉमर्शियल। अभी तक की जांच में आधा दर्जन से अधिक भूखंडों की रजिस्ट्री फर्जी मिली है। एलडीए प्रशासन की ओर से पूरे मामले की जांच शुरू करा दी गई है और सात दिन के अंदर जांच रिपोर्ट वीसी को दी जाएगी।
गोमतीनगर में सामने आया था मामला हाल में ही एलडीए की गोमतीनगर योजना में 22 भूखंडों की जांच कराई गई थी, जिसमें से 16 भूखंडों की रजिस्ट्री फर्जी मिली थी, जबकि छह अन्य की भी जांच कराई जा रही है। पूरी संभावना है कि इनमें से भी कई भूखंडों की रजिस्ट्री फर्जी हो सकती है। अभी यह जांच पूरी तरह से समाप्त नहीं हुई है और टीपी नगर योजना में भी कॉमर्शियल भूखंडों में फर्जी रजिस्ट्री का मामला सामने आ गया है। जिसकी वजह से एलडीए प्रशासन खासा गंभीर हो गया है और कई बिंदुओं पर जांच करा रहा है।
कीमतें भी अच्छी खासी टीपी नगर योजना के जिन सात भूखंडों की रजिस्ट्री फर्जी मिली है, उनकी कीमत भी करोड़ों से कम नहीं है। इसकी वजह यह है कि आवासीय के मुकाबले कॉमर्शियल भूखंडों की कीमत अधिक होती है। एक-एक भूखंड की कीमत करोड़ों में बताई जा रही है, जिससे साफ है कि फर्जी रजिस्ट्री के नाम पर प्राधिकरण को राजस्व संबंधी भारी चूना लगाया गया है। इससे पहले गोमतीनगर योजना में भी सामने आए रजिस्ट्री फर्जीवाड़े से एलडीए को भारी चपत लगी है। एलडीए प्रशासन के सामने अब राजस्व की भरपाई करना भी एक चुनौती है।
इंडस्ट्रियल एरिया है टीपी नगर टीपी नगर योजना को इंडस्ट्रियल एरिया के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर ज्यादातर दुकानों से लेकर इमारतें तक कॉमर्शियल हैैं। हाल में ही एलडीए की ओर से यहां पर डेवलपमेंट संबंधी कार्य भी कराए गए हैैं। मिली शिकायतों के आधार पर वीसी ने भूखंडों की जांच शुरू कराई थी, जिसके आधार पर अभी तक सात भूखंडों की रजिस्ट्री फर्जी मिली है।
जिम्मेदारों तक पहुंचने की कवायद जैसे गोमतीनगर में यह स्पष्ट हो गया था कि कहीं न कहीं प्राधिकरण के कर्मचारियों की आईडी से खेल किया गया है, वहीं इस मामले में भी यही संभावना जताई जा रही है। हालांकि, अभी यह जांच का विषय है कि आधा दर्जन से अधिक भूखंडों की फर्जी रजिस्ट्री किस तरह से और किसने की। इसके लिए रजिस्ट्री ऑफिस से भी डॉक्यूमेंट्स मांगे गए हैैं, जिसके आधार पर जांच की जाएगी।
टीपी नगर योजना में भी सात भूखंडों की रजिस्ट्री फर्जी तरीके से किए जाने का मामला संज्ञान में आया है। इस मामले की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गई है। जांच कमेटी की ओर से सात दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट दी जाएगी, जिसके आधार पर आगे के कदम उठाए जाएंगे।
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