मथुरा। तीन वर्ष पूर्व होली के दिन वृंदावन में सरकारी पिस्टल से गोली मारकर युवक की हत्या करने वाले सिपाही को एडीजे-९ संतोष कुमार तृतीय की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उसे दो दिन पूर्व अदालत ने दोष सिद्ध करार दिया था। वारदात के बाद से वह जेल में निरुद्घ था।
घटना ३१ मार्च २०१९ की है। कृष्णापुरम कॉलोनी गोविंद नगर निवासी केवल राम शर्मा के पुत्रगण अरुण शर्मा और रजत शर्मा होली खेलने के लिए दोस्त आयुष एवं चेतन के साथ बाइक से वृंदावन जा रहे थे। दिन में लगभग ११.४० बजे सौै शैया अस्पताल, लुटेरिया हनुमान मंदिर के पास किसी बात को लेकर स्कॉर्पियो कार सवार रोहित पुत्र चरण निवासी कीरतपुर पुलिया थाना जसवंत नगर इटावा से मामूली विवाद हो गया। पुलिस कांस्टेबिल रोहित पूर्व मेें मथुरा में एसओजी का सिपाही रह चुका था तथा घटना के समय गौतमबुद्धनगर पुलिस लाइन में तैनात था।
उसने मामूली विवाद में सरकारी पिस्टल से रजत शर्मा के सीने में गोली मार दी, जिसे नयति अस्पताल में मृत घोषित कर दिया था। मृतक के पिता केवल राम शर्मा की तहरीर पर दर्ज रिपोर्ट के बाद वृंदावन पुलिस ने सिपाही को जेल भेज दिया। केस की सुनवाई करते हुए एडीजे-९ संतोष कुमार ने सिपाही रोहित को आजीवन कारावास का सजा तथा ५० हजार जुर्माना अदा करने का निर्णय सुनाया है। अभियोजन ने केस मेें नौ लोगों की गवाही कराई। एडीजीसी भीष्म दत्त सिंह तोमर ने बताया कि २८ नवंबर को अदालत ने सिपाही को दोष सिद्ध कर दिया था। बुधवार को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा तथा ५० हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है।
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