अनिल शर्मा+ संजय श्रीवास्तव
दिल्ली/लखनऊ। राजनीति में महाराष्ट्र की परंपरा उत्तर प्रदेश में भी नैतिकता के आधार पर लागू होनी चाहिए। समाजवादी पार्टी के शलाका पुरुष और समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन पर रिक्त हुई मैनपुरी सीट से उनकी पुत्रवधू और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में है। इस दौरान विभिन्न राजनैतिक दलों के नेताओं ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि जिस तरह से महाराष्ट्र में यह परंपरा है कि यदि कोई आमदार या खासदार (यानी विधायक या सांसद) की उसके कार्यकाल के दौरान मौत हो जाती है तो वहां होने वाले उपचुनाव में यदि उस नेता की विधवा या अन्य परिजन उपचुनाव लड़ता है तो कोई अन्य राजनैतिक दल उसके विरोध में कोई प्रत्याशी नहीं उतारता है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व सांसद ब्रजलाल खाबरी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रांतीय नेता कैलाश पाठक, यूसीपीआई के प्रांतीय नेता रामकृष्ण शुक्ला, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव राजवीर सिंह जादौन, सामाजिक न्याय एवं किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश निरंजन भैयाजी, बुंदेलखंड किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल शर्मा ने कहा कि वर्ष 2019 में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव दलगत राजनीति से ऊपर उठकर संसद में कहा था कि मोदीजी आप जातिपात से ऊपर उठकर देश की भलाई का काम कर रहे हैं। आज लोकसभा के आखिरी सत्र में आपको यह आशीर्वाद दे रहा हूं कि आप वर्ष 2019 के चुनाव में पूरे बहुमत से वापस आए। इसके बाद नेताजी के निधन पर पीएम मोदी ने उन्हें रुधे गले से याद किया। लेकिन उन्होंने मैनपुरी में अपने दल का प्रत्याशी पूर्व संसद रघुराज सिंह शाक्य को चुनाव मैदान में उतारने से गुरेज नहीं किया। इन सभी दलों के नेताओं ने कह कि जिस तरह महाराष्ट्र में यह परंपरा रह है कि यदि कोई वरिष्ठ नेता का निधन हो जाता है तो उस सांसद (खासदार) या विधायक (आमदार) का यदि अपने कार्यकाल के बीच में निधन हो जाता है तो उपचुनाव में कोई राजनीतिक दल उस खासदार या आमदार की विधवा या अन्य परिजन जो चुनाव लड़ता है तो कोई भी अन्य पार्टी अपना प्रत्याशी नहीं उतारती है। इसका ताजा उदाहरण अंधेरी के शिवसेना प्रत्याशी ऋतुजा लटके के खिलाफ भाजपा ने प्रत्याशी खड़ा किया था। लेकिन एनसीपी के राष्ट्रीय नेता तथआ पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने भाजपा से प्रत्याशी हटाने की अपील की। बाद में बीजेपी और शिवसेना विद्रोही गुट के नेता व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से इन दोनों पार्टी के करीबी तथआ महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज ठाकरे ने अपील की, तब जाकर भाजपा ने अपना प्रत्याशी हटाया। इसी तरह मैनपुरी में भी नैतिकता के आधार पर भाजपा को स्वर्गीय मुलायम सिंह की पुत्रवधू डिंपल यादव के खिलाफ प्रत्याशी नहीं उतारना चाहिए था। क्योंकि कांग्रेस, बसपा ने कोई प्रत्याशी यहां नहीं उतारा है। विभिन्न राजनैतिक दलों और अराजनैतिक दलों के नेताओं ने कहा कि यदि महाराष्ट्र जैसी परंपरा उत्तर भारत में भी राजनैतिक में एक संवेदनशीलता तथा सौहार्द का भाव पैदा हो जाएगा।