नोएडा: कुछ महीने पहले सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट सोसायटी के ट्विन टावर्स को लेकर काफी विवाद हुआ था। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद इन टावर्स को ढहाना पड़ा। अब यह सोसाइटी अपने एक आदेश को लेकर सवालों के घेरे में आ गई है। सेक्टर 93 स्थित सोसायटी में किराये पर रहने वाले बैचलर्स को फ्लैट खाली करवाने के लिए अपार्टमेंट ओनर्स असोसिएशन (एओए) की ओर से नोटिस जारी किया गया है। 31 दिसंबर तक फ्लैट खाली करना होगा। सोसायटी के लोग इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। एओए ने इस संबंध में महिला आयोग से बात की है।
जानकारी के मुताबिक, सोसायटी में कुल 15 टावर हैं और यहां पर करीब 600 फ्लैट हैं। सोसायटी में करीब 70 से 80 बैचलर रह रहे हैं। यहां की एओए (अपार्टमेंट ओनर्स असोसिएशन) की ओर से फ्लैट के मालिक को 15 नवंबर को एक ईमेल भेजी गई है। मेल में कहा गया है कि सोसायटी में रहने वाले बैचलर्स 31 दिसंबर तक फ्लैट खाली कर दें। कुछ लोग इसके पक्ष में आए हैं और कुछ लोग इस बात का लगातार विरोध कर रहे हैं। एओए के प्रेजिडेंट यूबीएस तेवतिया ने बताया कि सोसायटी में बैचलर, नॉन बैचलर या स्टूडेंट्स के रहने की कोई बात नहीं है, ये लोग गलत तरीके से रह रहे हैं जो कि नियमों का उल्लंघन है। इन्होंने फ्लैट को पूरा गेस्ट हाउस बना लिया है। एक फ्लैट में सात से आठ लड़के या लड़कियां रह रहे हैं।
‘यह सोसाइटी का मामला, इसमें महिला आयोग कुछ नहीं करेगा’
तेवतिया ने बताया कि इस मामले में महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम ने बात की है। उन्हें भी हमने यही बताया है कि नियमों का उल्लंघन हो रहा है। इस वजह से नोटिस जारी किया गया है। सोसायटी बैचलर देर रात तक हो-हल्ला करते हैं। तेज गाने बजाते हैं। देर रात तक आना जाना होता है। इससे अन्य लोगों को मुश्किल होती है। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम का कहना है कि इस संबंध में एओए से बात हुई है। उनका कहना है कि एक फ्लैट में एक लोग रह सकते हैं लेकिन फ्लैट को गेस्ट हाउस जैसा बनाना ठीक नहीं है, जो भी बात है वो रेजिडेंट और एओए अपने हिसाब से देखेंगे। महिला आयोग इस मामले में कुछ नहीं करेगा।
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