सहारनपुर जनपद के नानौता सहकारी चीनी मिल क्षेत्र में गन्ना किसान केवल लेट भुगतान की समस्या से ही त्रस्त नहीं हैं, बल्कि गन्ना मिल संचालकों एवं उनके कर्मचारियों की मनमानी से भी परेशान हैं। इस चीनी मिल से जुड़े गन्ना किसानों को समय से पर्ची न मिलने की वजह से किसान गेहूं की बुवाई नहीं कर पा रहे हैं। खासकर छोटे किसानों के साथ इस तरह की एक बड़ी दिक्कत आ रही है। जिनको अभी तक एक मिल की ओर से एक भी गन्ना पर्ची नहीं मिल पाई है, जबकि दिसंबर माह भी आधा बीतने को है।
नानौता सहकारी चीनी मिल से जुड़े जागरूक किसान अनिल, सुनील, सुधीर कुमार, सुरेंद्र, नरेंद्र कहते हैं कि उन्होंने 10 से पन्द्रह बीघा में गन्ने की खेती की है, लेकिन अभी तक वह मिल के चक्कर में एक भी गन्ना खेत से नहीं निकाल पाए हैं। यदि दिसंबर के अंत तक भी गन्ना निकल जाएगा तो वें गेहूं की बवाई कर सकेंगे, अन्यथा इस बार वें गेहूं की बुवाई नहीं कर पाएंगे।
इसी तरह गांव झबीरन में किसान कृष्ण पाल ने भी 15 बीघा गन्ने की खेती की है, लेकिन अब तक उन्हें भी पर्ची नहीं मिली। कातला गांव निवासी विजयंत राणा कहते हैं कि उक्त मिल से जुड़े क्षेत्र के लगभग 50 प्रतिशत छोटे किसानों को अब तक इक्का दुक्का पर्ची ही मिल पाई है।
नानौता स्थित किसान सहकारी चीनी मिल पहले तो लेट शुरू हुई। साथ ही आए दिन खराब रहती है। जिस वजह से छोटे किसानों को पर्याप्त गन्ना पर्ची नहीं मिल पा रही है। इस बाबत हमने मांग की थी कि वैकल्पिक तौर पर अन्य चीनी मिल पर व्यवस्था कर दी जाए, लेकिन यह व्यवस्था नहीं की गई, उनकी इस समस्या का निदान नहीं हो पा रहा है। इसी तरह रेड़ा गांव के रहने वाले विजय कुमार अपने दस बीघा के खेत में गेहूं की बुआई करना चाहते थे, लेकिन अभी तक खेत से गन्ना खाली नहीं हो पाया।
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