लखनऊ। लव जिहाद का रंग देकर एक नाबालिग लड़के को हिंदू से मुस्लिम बना दिया गया। अब अपने बेटे को हिंदू साबित करने के लिए पिछले सात दिनों से एक मां दिल्ली से लखनऊ आकर थाने व अफसरों के चक्कर काट रही है। लड़की के घर वालों की तहरीर पर लखनऊ पुलिस ने भी किशोर के खिलाफ मुस्लिम नाम से ही मुकदमा दर्ज कर लिया। अब बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मामले का संज्ञान लेकर विकास नगर थाने की पुलिस को तलब किया है।
बहला फुसलाकर भगाने का केस नवंबर 2022 को लखनऊ के विकास नगर थाने में एक एफआईआर दर्ज की गई। एफआईआर में जिस लड़के को आरोपी बनाया गया उसके हिंदू व मुस्लिम दो नाम लिखे गए। उस पर 15 साल की लड़की को बहला फुसलाकर भगा ले जाने का आरोप था। एफआईआर से साफ था कि एक मुस्लिम लड़के ने हिंदू नाम रख कर लड़की को बहलाया और उसे अपने साथ कहीं ले गया। मामला लव जिहाद जैसा दिखा तो पुलिस से तत्परता दिखाते हुए बच्ची को दिल्ली से बरामद कर लिया और आरोपी लड़के को लेकर लखनऊ आ गई। पर लड़का जब पहली नजर में नाबालिग लगा तो उसे बाल गृह में दाखिल कर दिया गया।
हिंदू साबित करने की उलझन पुलिस ने जिस लड़के को मुस्लिम बता कर नाबालिग लड़की का अपहरण करने के आरोप में बाल गृह में दाखिल किया था, उसकी मां दिल्ली से आकर लखनऊ में विभागों व अधिकारियों के चक्कर लगा रही है और कह रही है कि उसका बेटा मुसलमान नहीं बल्कि हिंदू है। लड़के की मां ने बताया कि वह दिल्ली की रहने वाली है। उसके पति चपरासी हैं और वह खुद एक ब्यूटी पार्लर में नौकरी करती है। उनके अनुसार, वह दलित वर्ग से आती हैं।
इंस्टाग्राम पर हुई दोनों की दोस्ती उनका कहना है कि 20 नवंबर को उनके घर पर उनका बेटा एक बच्ची को लेकर आया था। बच्ची से पूछा तो उसने खुद को दिल्ली की ही रहने वाली बताया और कहा कि पढ़ाई के सिलसिले से उसे इस तरफ रहना पड़ रहा है। पीजी में नाबालिग को रखते नहीं हैं इसलिए घर पर रहने दीजिये। महिला के मुताबिक, बेटे और उस लड़की के कहने पर उसे रहने दिया, लेकिन जब लड़की के बैग की तलाशी ली तो वह लखनऊ की निकली। सख्ती से पूछताछ करने पर लड़की ने बताया कि उसकी उनके लड़के से इंस्टाग्राम पर दोस्ती हुई थी। उसे दिल्ली में रहना था इसलिए उसने दोस्त के अकाउंट में 25 हजार रुपये ट्रांसफर कर पीजी लेने को कहा था।
अपहरण का आरोप लगा ले गई पुलिस महिला के मुताबिक, कुछ दिन बाद ही लखनऊ से पुलिस आई और उसने उनके लड़के को मुस्लिम बताया और कहा कि उनके बेटे ने बच्ची का लखनऊ जाकर अपहरण किया था। लव जिहाद का आरोप लगाते हुए पुलिस उनके बेटे को लखनऊ ले गई। उसके बाद से ही वह बेटे की हाई स्कूल की मार्कशीट समेत कई कागज लखनऊ के अधिकारियों को दिखा रही हैं, लेकिन कोई उनके बेटे को हिंदू व नाबालिग मानने को तैयार नहीं है।
आयोग ने पुलिस को किया तलब राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ। सुचिता चतुर्वेदी कहती हैं कि उन्हें हैरानी है कि किसी मामले को सनसनीखेज बनाने के लिए कैसे पुलिस किसी हिंदू लड़के को मुस्लिम बता देती है। पुलिस के एक एफआईआर मात्र लिखने से एक दलित बच्चा मुस्लिम बन गया और उसकी मां अपने बेटे को हिंदू साबित करने के लिए परेशान है। मामला आयोग के संज्ञान में आया है और हमने विकास नगर थाने व एफआईआर दर्ज करवाने वाले को तलब किया है। वहीं, विकास नगर पुलिस से जब इस बाबत बात की गई तो उन्होंने कहा कि वादी की ओर से शिकायत में आरोपी लड़के को मुस्लिम बताया गया था। इस पर मुकदमा लिख कार्रवाई करते हुए नाबालिग बच्ची को नामजद लड़के के घर से बरामद किया गया था।
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