प्रदेश के एआईएमआईएम (AIMIM) के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली एक बार फिर से चर्चा में हैं. दरअसल, वो पिछले कई दिनों से निकाय चुनाव के लिए मुरादाबाद जनपद में जनसभाएं कर रहे हैं. इस दौरान उनके कई ऐसे वीडियो सामने आए हैं, जिसमें वह भड़काऊ बयान देते नजर आ रहे हैं. उन्होंने कांवड़ यात्रा पर विवादित बयान देते हुए कहा है कि अगर हिंदू सड़क जाम करके कावड़ यात्रा निकाल सकते हैं तो हम सड़क पर नमाज क्यो नहीं पढ़ सकते.
वीडियो में दिख रहा है कि शौकत अली मंच से कह रहे हैं कि मुरादाबाद के अंदर 1980 में ईद के दिन ईदगाह मैदान में गोली चलवाई गई, मुसलमानों का कत्लेआम किया गया, तब किसकी हुकूमत थी. वहीं, 1984 में देश के प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने बाबरी मस्जिद का ताला खुलवा था, तब भी फसाद हुए थे. वह वीडियो में कहते हुए दिखाई देते हैं कि मेरठ के हाशिमपुरा को भूल मत जाना, जहां पर 47 नौजवानों को रात के 12 बजे के बाद घरों से निकाला गया, और जो 35 साल से कम थे, उन्हें पीएसी के ट्रक डाला कर ले गए थे, और गाजियाबाद में नहर के किनारे ले जाकर सबको गोली मार दी गई थी.
कावड़ यात्रा पर बिगड़े बोल
वहीं, एक दूसरे वीडियो में वह कावड़ यात्रा पर बोलते हुए कहते हैं कि एक महीने तक नेशनल हाइवे बंद रहा, और पुलिस के अधिकारियों ने कावड़ियों के पैर दबाए और उनकी मसाज की. हमने तो कोई एतराज नहीं किया. लेकिन अगर हम किसी मॉल में या सड़क पर नमाज पढ़ लें तो हंगामा खड़ा हो जाता है. और कुछ को तो हमारी अजान से भी तकलीफ हो रही है. आए दिन कोई न कोई जोकर आकर नमाज पर उंगली उठता है. एक देश मे दो कानून क्यों है. अगर हिन्दू सड़क जाम करके कावड़ यात्रा निकाल सकते हैं तो हम सड़क पर नमाज क्यो नहीं पढ़ सकते हैं.
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