डकोर ब्लाक बना प्रदेश में मॉडल
वाट्सएप ग्रुप बनाकर मिल रही परिवार नियोजन की सेवाएं
उरई(जालौन): परिवार नियोजन सेवाओं की उपलब्धता में जालौन का डकोर ब्लॉक पूरे प्रदेश में मॉडल बन गया है। यहां 37 स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर एएनएम के जरिए परिवार नियोजन की सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। यही नहीं कम्युनिटी हेल्थ आफिसर (सीएचओ) के जरिए व्हाइ्टस ग्रुप बनाकर परिवार नियोजन के लाभार्थियों को जोड़ा गया है। इन्हें इसी ग्रुप के जरिए परिवार नियोजन के बारे में बताया जाता है। उन्हें यह भी सूचना दी जाती है कि उन्हें कौन का टीका, इंजेक्शन कब लगना है और कौन सी गोली कैसे खानी है। यही नहीं परिवार नियोजन साधनों के वीडियो भी लाभार्थियों को दिखाकर प्रेरित किया जाता है।
डकोर ब्लाक के सब सेंटर गढ़र में परिवार नियोजन का अस्थायी साधन अपनाने वाली पूजा (28) ने बताया कि उसकी शादी को करीब सात वर्ष हो चुके है। वर्तमान वह नियमित स्वास्थ्य केंद्र आती हैं और छाया गोली का सेवन कर रही हैं। इसके साथ ही वह सीएचओ के व्हाइट्स ग्रुप से भी जुड़ी है। इसके जरिए यह जानकारी मिलती है कि उसे अब छाया की गोली कब और कैसे खानी है। यही नहीं वह व्हाइट्सग्रुप के जरिए अपनी समस्या भी बता देती हैं। ऐसी ही सेवा मड़ोरा, चिल्ली, मिनौरा कालपी समेत सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर दी जा रही है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एनडी शर्मा ने कहा कि परिवार नियोजन के मामले में डकोर ब्लॉक में सराहनीय कार्य हो रहा है। यह पूरे प्रदेश के लिए एक मॉडल है। इस व्यवस्था को जिले के सभी ब्लॉकों और नगरीय क्षेत्र में भी लागू करने की योजना है। स्वास्थ्य कर्मियों से कहा गया है कि वह लोगों से सीधा जुड़ाव बढ़ाएं और परिवार नियोजन की सेवाएं उनके घर तक पहुंचाएं।
स्वास्थ्य कर्मी करते है आनलाइन डिमांड
डकोर सीएचसी केचिकित्सा अधीक्षक डॉ इदरीश मोहम्मद का कहना है कि डकोर डकोर के सभी सेंटरोंपरपरिवार नियोजन की बास्केट आफ च्वाइस उपलब्ध है। इसके अलावा कंडोम बाक्स भी सब सेंटरों के बाहर ही रखा होता है। जो लाभार्थी खुद भी ले सकता है। इसके अलावा सीएचओ, एएनएम के माध्यम से कंडोम बांटे जा रहे हैं। यही नहीं सभी सेंटरों पर परिवार नियोजन समेत अन्य सेवाओं का डैशबोर्ड भी बनाया गया है। इसमें लाभार्थियों की संख्या, उनके डिलिवरी, टीकाकरण, परिवार नियोजन की विधि का पूरा ब्योरा माहवार लिखा होता है। इसके अलावा सभी सीएचओ, एएनएम, आशा आनलाइन परिवार नियोजन की मांग करती हैं।
सब सेंटर्स पर उपलब्ध है बास्केट आफ च्वाइस
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी परिवार कल्याण डॉ एसडी चौधरी का कहना है कि बास्केट आफ च्वाइस केमाध्यम से लाभार्थी अपनी पसंद की परिवार नियोजन विधि अपना सकता है। वहचाहे अंतरा इंजेक्शन लगवा सकता है या फिर छाया गोली का सेवन कर सकता है। प्रसव के तत्काल बाद कापरटी लगवा सकता है या फिर कोई अन्य विधि अपना सकताहै। इसके अलावा महिला और पुरुष नसबंदी कराकर स्थायी रुप से परिवार नियोजन अपना सकता है। स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात स्टाफ को निर्देशित किया गया है कि वह लाभार्थी की काउंसलिंग करें और उसकी इच्छा के अनुरूप उसे सेवाएं उपलब्ध कराए। उन्होंने बताया कि अंतरा, छाया, कंडोम, ईसी पिल्स, ओसी पिल्स (माला एन), कापरटी जैसी सेवाएं बास्केट आफ च्वाइस में उपलब्ध होती है।
इस ब्लॉक में स्वास्थ्य कर्मी खुद कर रहे प्रेरित
डकोर ब्लाक की ब्लाक कार्यक्रम प्रबंधक, स्टाफ नर्स, सीएचओ, एएनएम, आशा ने भी अंतरा इंजेक्शन लगवा परिवार नियोजन अपनारही है। वह खुद के साथ दूसरों को भी परिवार नियोजन अपनाने के लिए प्रेरित कर रही है। वह परिवार नियोजन के फायदे भी समझा रही है। इसका नतीजा यह है कि इस ब्लॉक में जिले में सबसे ज्यादा परिवार नियोजन अपनाया जा रहा है। इस साल महिला और पुरुष नसबंदी में यह ब्लाक पूरे जिले में अव्वल है।
यह होते हैं परिवार नियोजन के अस्थायीसाधन
• कापरटी
• कंडोम
• माला एन गोली
• छाया साप्ताहिक गोली
• अंतरा इंजेक्शन
• ईसी पिल्स
• स्थायी साधन
महिला नसबंदी
पुरुष नसबंदी
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