उरई(जालौन)। कोंच कोतवाली क्षेत्र के ग्राम तीतरा खलीलपुर में बीते वर्ष 2012- 2 मई को गांव के रहने वाले राजकुमार समाधिया का अपहरण किया गया था। जिसका मुकदमा उसके भाई अनिल कुमार ने उरई कोतवाली में दर्ज कराया था। जिसमें अपहृत राजकुमार के भाई अनिल ने बताया था कि उसका भाई कालपी गया था, लेकिन वह वापस नहीं आया था। जिसको खोजने का प्रयास किया गया पर एक माह बाद 2 जून 2012 को घर पर एक शादी के कार्ड के लिफाफे में एक लेटर मेला था। जिसमें राजकुमार के अपहरण कर लेने व 30 लाख रुपए की फिरौती की मांग की गई थी। साथ ही पुलिस को सूचना देने पर जान से मारने की धमकी दी गई थी। जिस पर पीड़ित द्वारा व्यवस्था न किए जाने पर पुलिस को सूचना दी थी। सूचना पर अपहरणकर्ताओं ने राजकुमार की निर्मम तरीके से हत्या कर दी थी। बाद में पुलिस ने अपने सूचना तंत्र के माध्यम से पता लगाया था कि अपहरणकर्ताओं ने अपहृत की हत्या कर दी है और सभी अपहरणकर्ता सिरसाकलार थाने के कोड़ा किर्राही के जंगल में छिपे हैं। जिस पर पुलिस टीम ने घेराबंदी करते हुए 3 अपहरणकर्ता राजेश उर्फ राजू बाबा निवासी किशनपुरा थाना कैलिया हाल पता शीतला माता मंदिर पटेल नगर उरई, पूरन सिंह लोधी निवासी खरसौली थाना जलालपुर जिला हमीरपुर व बब्लू निवासी कोड़ा किर्राही थाना सिरसाकलार को मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार कर लिया था। जबकि तीन आरोपी पुलिस को चकमा देकर भागने में सफल रहे थे। पकड़े गए तीन अभियुक्तों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी। बाद में तीन अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। जिनके ऊपर अभी भी मुकदमा चल रहा है। इस मामले की पैरवी कर रहे अपर सहायक शासकीय अधिवक्ता महेंद्र विक्रम ने बताया कि स्पेशल जज डकैती कोर्ट के जज अंचल लवानिया द्वारा राजेश कुमार सिंह उर्फ राजू बाबा, पूरन सिंह लोधी व बब्लू को दोषी मानते हुये अपहरण और हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। साथ ही 20-20 हजार का आर्थिक दंड भी लगाया है। कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद तत्काल आरोपियों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है। अपर शासकीय अधिवक्ता महेंद्र विक्रम ने बताया कि 3 आरोपियों का मुकदमा ट्रायल पर है।
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