राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान उरई में किया गया कौशल योजना का आयोजन उरई(जालौन)।राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, उरई में आज व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग, उत्तर प्रदेश के तत्वधान में संकल्प योजना के अन्तर्गत राज्य कौशल प्रतियोगिता 2022 “कौशलाथॉन’ का आयोजन किया गया जिसकी थीम थी कि “अब कौशल की होगी पहचान मिलेगें अवसर और सम्मान” । कार्यक्रम का शुभारम्भ माननीय विधायक माधौगढ़ मूलचन्द्र निरंजन ने फीता काटकर किया। माननीय विधायक ने इस कार्यक्रम की भूरी भूरी प्रशंसा की साथ ही उन्होंनें उत्तर प्रदेश सरकार एवं व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगितायें समय समय पर होती रहनी चाहिए। जिससे छात्रों का तकनीकि कौशल का विकास होता है। साथ ही उनके उज्जवल भविष्य हेतु नया आयाम प्राप्त होता है। इस प्रतियोगिता में लगभग 12 व्यवसायों के प्रतिभागियों को अपने कौशल को पहचानने का अवसर दिया गया। इस प्रतियोगिता में अभ्यर्थियों का चयन जूरी द्वारा किया गया। जिसमें से प्रथम, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ एवं पंचम स्थान प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को माननीय विधायक द्वारा क्रमशः 1000 रुपया, 800 रुपया, 600 रुपया, 400 रुपया एवं 200 रुपया का नकद पुरस्कार एवं गोल्ड, सिल्वर एवं ब्रॉज मेडल के साथ-साथ उन्हें प्रमाण पत्र भी प्रदान किये गये। कार्यक्रम के नोडल प्रधानाचार्य डा. नूपुर कश्यप, प्रधानाचार्य रमेश कुमार (कोच) व के०के० चतुर्वेदी कार्यदेशक, के.के. निरंजन कार्यदेशक, हरगोविन्द कार्यदेशक, गिरजेश कुमार द्विवेदी कार्यदेशक एवं अन्य समस्त स्टाफ उपस्थित रहे।
चित्रांश एकेडमी मे राष्ट्रीय जेंडर अभियान एवं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन उरई(जालौन)।जिला प्रोबेशन अधिकारी के निर्देशानुसार महिला कल्याण विभाग से महिला शक्ति केन्द्र की टीम द्वारा चित्रांश एकेडमी पटेल नगर उरई में राष्ट्रीय जेंडर अभियान एवं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में महिला कल्याण अधिकारी अलकमा अख्तर द्वारा छात्राओं को महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना ,मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना कोविड/सामान्य, निराश्रित महिला पेंशन योजना, इत्यादि योजनाओं का प्रचार प्रसार व सुरक्षा हेल्पलाइन नम्बर 181 ,1090, 1098, 112, आदि के बारे में जानकारी दी।साथ ही बताया की वन स्टॉप सेन्टर के माध्यम से सहायता प्राप्त कर सकते है । जिला समन्वयक प्रियंका व नीतू देवी द्वारा बालिकाओ को बताया गया कि बेटा बेटी में किसी प्रकार का भेदभाव ना किया जाए और बालिकाओं को अधिक से अधिक शिक्षा के क्षेत्र में जोड़ा जाए, लिंग भेदभाव और कुरीतियों को समाप्त करें, व महिलाओं के विरुद्ध हिंसा तथा भेदभाव उन्मूलन के विषय में बालिकाओं को जागरूक किया गया। उक्त कार्यक्रम में ज़िला समन्वयक प्रियंका द्विवेदी, नीतू देवी, एकेडमी के प्रधानाचार्य भूपेन्द्र कुमार, अध्यापिका वीना सेंगर, सपना गुप्ता, आरती वर्मा, शालिनी तिवारी, हेमलता, रोशनी,नेहा, अरसी,अध्यापक विपिन वर्मा, प्रशांत झा, एवं एकेडमी का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।
कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के जिला अध्यक्ष व शहर अध्यक्ष ने अपने साथियों के साथ सिटी मजिस्ट्रेट को सौपा ज्ञापन उरई(जालौन)।उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के आह्वान पर प्रदेश के जनपद जालौन मे प्री मैट्रिक छात्रवृति व मौलाना आज़ाद फैलोशिप बन्द करने के विरोध में जिला अधिकारी महोदय को ज्ञापन दिया ज्ञापन के माध्यम से निम्नलिखित मांग की गई कि कक्षा 1 से 10 तक मिलने वाली अल्पसंख्यक छात्रों के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति को प्रतिबंधित करने के बाद, 2022-23 से बन्द कर दिया गया है जो अल्पसंख्यक गरीबों के खिलाफ एक साजिश है तथा अल्पसंख्यक समुदाय के गरीब बच्चों को शिक्षा से दूर रखने का एक नया तरीका है कांग्रेस शासन जून 2006 में अल्पसंख्यक कल्याण के विकास के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिँह सरकार ने प्रधानमंत्री मंत्री 15 सूत्रीय कार्यक्रम में अल्पसंख्यक समुदाय के माता पिता से स्कूल शिक्षा पर उनके ऊपर पड़ने वाले बोझ को हल्का करने के एवं अल्पसंख्यक समुदाय में शिक्षा का स्तर ऊँचा करने के लिए प्री मैट्रिक छात्रवृति की शुरुआत की थी इसको बन्द करने के केंद्र सरकार के कदम से लाखों अल्पसंख्यक मेधावी छात्रों का भविष्य अंधकार में चला जायेगा सरकार को अपने शिक्षा विरोधी फैसले को वापस लेना की मांग की। प्री मैट्रिक छात्रवृति के बाद केंद्र सरकार ने अल्पसंख्यक छात्रों के लिए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद सहाब के नाम से कांग्रेस सरकार में शुरू की गई पांच सालों वाली मौलाना आज़ाद फैलोशिप योजना को भी बन्द करने का ऐलान कर दिया है जबकि यह फैलोशिप योजना 6 अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदाय मुस्लिम बौद्ध ईसाई जैन पारसी और सिख छात्रों को दी जाती थी जिसे उच्च शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस सरकार में शुरू किया गया था यूजीसी द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, 2014-15 और 2021-22 के बीच 738.85 करोड़ रुपये के संचयी संवितरण के साथ 6,722 उम्मीदवारों को फेलोशिप योजना के तहत चुना गया था बीजेपी सरकार का ये कदम को शत प्रतिशत अल्पसंख्यक विरोधी है अगर सरकार ने मौलाना आज़ाद फेलोशिप को बन्द करने के फैसले को वापिस ना लिया तो देश में अल्पसंख्यक समुदाय के हजारों शोध उम्मीदवार एम फिल और पीएचडी करने जैसी शिक्षा से वँचित हो जायेंगे इस लिए वित्तीय सहायता के रूप में केंद्र द्वारा प्रदान की जाने वाली पांच साल की फेलोशिप को बन्द करने के फैसले को बीजेपी सरकार को वापस लेना चाहिए ज्ञापन देने पहुंचे कांग्रेस कार्यकर्ता हाजी ख्वाजा बख्श मंसूरी, अकबर मंसूरी, गुड्डू रिजवी, नूर मोहम्मद शेख, मु अबरार, जिकर खान, इसरार मंसूरी, अयूब अंसारी, आदि कार्यकर्ता मौजूद रहें।
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