आजमगढ़ सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ ने गुरुवार को संसद में तवांग में चीनी सैनिकों की घुसपैठ के मुद्दे को उठाते हुए सेना में अहिर रेजीमेंट के स्थापना की आवाज बुलंद की। उन्होंने 1962 के भारत-चीन युद्ध का जिक्र किया। कहा कि इस युद्ध में अहिर जवानों की वीरता को देखते हुए अहिर रेजीमेंट की स्थापना की सख्त जरूरत है।
लोकसभा में शून्यकाल के दौरान निरहुआ ने मामले पर अपना पक्ष रखा। आजमगढ़ सांसद ने कहा कि भारतीय सेना में अहीर रेजीमेंट की मांग लंबे समय से चल रही है और जिस दिन इसका गठन हो जाएगा, चीन की रूह कांप जाएगी। इसकी वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि चीन को रेजांगला चौकी पर 1962 के युद्ध का संस्मरण अब तक है।
जिसमें 162 अहीर जवानों ने 3000 से अधिक चीनी सैनिकों को मार गिराया था। यह इतिहास है। दिनेश लाल यादव निरहुआ ने कहा कि सेना में सभी जाति, धर्म, संप्रदाय और राज्य के योगदान और बलिदान को ध्यान में रखते हुए रेजिमेंट का निर्माण किया गया है। इसको देखते हुए अहीर रेजिमेंट की मांग को जायज बताया।