महिला, बुजुर्ग और बच्चो को ध्यान में रखकर कराए जाएंगे काम
उरई(जालौन)। डकोर ब्लाक की ग्राम पंचायत इमिलिया को ‘बाल मैत्री’ गांवके रुप में विकसित किया जाएगा। यहां महिला और बच्चों के सर्वांगीण विकास केलिए काम किया जाएगा। इसमें जिला कार्यक्रम अधिकारी, शिक्षा विभाग केअधिकारी, पंचायती राज विभाग, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदारी देकर उनका सहयोग लिया जाएगा। उनके विभाग से जुड़े कर्मियों के सहयोग सेगांव में महिला, बच्चों और बुजुर्गों के लिए ऐसे काम किए जाएंगे जो मॉडल केरुप में जाने जाएंगे।
जिला प्रोबेशन अधिकारी डॉ. अमरेंद्र कुमार पौत्स्यायन बताते है कि जिलाधिकारी चांदनी सिंह ने इमिलिया गांव को बालमैत्री गांव के रुप में विकसित करने के निर्देश दिए हैं। बाल मैत्री गांव होता है, जहां नियमित ग्राम बाल संरक्षण समिति की बैठकें आयोजित की जाती हैऔर बच्चों व महिलाओं से संबंधित समस्त बिंदुओं पर उक्त समिति में समीक्षा की जाती है। इस समिति का प्रमुख गांव का प्रधान होता है। जबकि सदस्य सचिव आंगनबाड़ी कार्यकर्ता होती है। इसके सदस्य के रुप में आशा, एएनएम, प्राइमरी स्कूल के प्रधानाध्यापक के साथ इसी गांव के दो बच्चे नामित किए जाते हैं। जिसका एक रजिस्टर भी बनाया जाता है। हर बैठक की कार्यवृत्ति अंकित की जातीहै और समिति के अध्यक्ष और सदस्यों का उपस्थित होना अनिवार्य होता है। इस समिति का काम बच्चों के विकास के लिए जरूरी चीजों की सतत निगरानी करना होता है। साथ ही समय समय पर बच्चों को बैठाकर उनकी राय जानते हुए उनकी रुचि केअनुकूल गांव के विकास में उनके योगदान पर भी मंथन किया जाता है।
उन्होने बताया कि बाल संरक्षण समिति के पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया है किवह नियमित अंतराल पर बैठकों का आयोजन करें। इसमें सफाई कर्मचारी को भीबुलाया जाए। आंगनबाड़ी केंद्र और स्कूल परिसर के आसपास की नियमित सफाई व पौधरोपण पर भी ध्यान दिया जाए ताकि गांव का पर्यावरण संतुलित हो और बच्चों को उन पौधों के माध्यम से उनकी उपयोगिता बताई जा सके।
यहहैं समिति के कार्य
• गांव में बाल विवाह को रोकना
• कन्या भ्रूण हत्या रोकने के उपाय करना
• गांव के संपूर्ण बच्चों का टीकाकरण
• स्कूलों में शत प्रतिशत नामांकन
• एक भी बच्चा पढ़ाई से वंचित न रहे, इसके लिए सतत निगरानी की व्यवस्था करना
• बीच में स्कूल छोड़ चुके बच्चों का फिर से स्कूल में नामांकन और उनका ठहराव कराना
• सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की शत प्रतिशत नियमित उपस्थिति
• आंगनबाड़ी केंद्र का नियमित खुलना और उसके कार्मिकों की उपलब्धता
• छात्र-छात्राओं की उपस्थिति
• गांव में खुली जगह पर शौचालय से मुक्ति
• किशोरियों में सैनेटरी पैड का नियमित वितरण
• मिड डे मील का वितरण
• शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चिता
• बच्चों के लिए खेल के मैदान और योग संबंधी गतिविधियां आयोजित करना
• बच्चों के पोषण विकास, विकास के स्तर की निगरानी करना
• बच्चों के लिए सुरक्षात्मक माहौल का सृजन करना
सभी ब्लाकों में एक गांव बनेगा बाल मैत्री गांव
फिलहालइमिलिया गांव को मॉडलके रुप में चुना गया है। धीरे धीरे जिले के सभी नौब्लाकों में हर ब्लाक के एक एक गांव को बाल मैत्री गांव के रुप में विकसित किया जाएगा। ताकि प्रदेश स्तर पर जालौन बाल मैत्री गांव के रुप में जानाजा सके।
आंगनबाड़ी वर्कर होगी सचिव
जिलाकार्यक्रम अधिकारी इफ्तेखार अहमद ने बताया कि ग्राम बाल संरक्षण समिति कीसदस्य सचिव के रुप में नामित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को निर्देशित किया गयाहै कि वह बाल मैत्री गांवकेमानक पर नियमिति कार्य करें और गांव को सारी योजनाओं से संतृप्त करते हुए जल्द से जल्द गांव कोबाल मैत्री गांव विकसित कराए।
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