शहरी क्षेत्र की आशा और एएनएम को दिया गया दो दिवसीय प्रशिक्षण
उरई(जालौन)| स्वास्थ्य विभाग एवं पीएसआई इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में शहरी क्षेत्र की आशा और एएनएम का दो दिवसीय प्रशिक्षण मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय स्थित अचल प्रशिक्षण केंद्र में दिया गया। इसमें परिवार नियोजन सेवाओं में आशा और एएनएम की भूमिका पर चर्चा की गई। साथ ही लाभार्थियों से जुड़ाव रखने के निर्देश भी दिए गए। परिवार नियोजन के स्थायी और अस्थायी साधनों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। आशा और एएनएम की फील्ड से संबंधित समस्याओं पर भी सुझाव दिया गया।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी परिवार कल्याण डॉ एसडी चौधरी ने बताया कि परिवार नियोजन कार्यक्रम को सफल बनाने में आशा कार्यकर्ता और एएनएम की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उनका लाभार्थियों से सीधा जुड़ाव होता है। आशा कार्यकर्ता अपने क्षेत्र के योग्य दंपत्तियों को उनकी रुचि के अनुसार परिवार नियोजन के साधनों के बारे में अवगत कराए। उन्हें बास्केट आफ च्वाइस की जानकारी देकर परिवार नियोजन सामग्री चुनने में मदद करें।
जिला समन्वयक शहरी स्वास्थ्य संजीव कुमार चंदेरिया ने बताया कि परिवार नियोजन अपनाने वाले दंपत्ति से लगातार जुड़ाव रखना है। उन्हें समय समय पर परामर्श देना है और जिन दंपत्तियों ने परिवार नियोजन संबंधी सेवाएं ले ली है। उनका फालोअप करना भीजरूरी है।
नगरीय चिकित्सा अधिकारी डॉ जितेंद्र कुमार ने आशा डायरी सही से भरने के बारे में चर्चा की। साथ ही छूटे हुए क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देकर परिवार नियोजन कार्यक्रम से जोड़ने की बात की।
पीएसआई इंडिया के प्रतिनिधि शरद श्रीवास्तव ने बताया कि पहले चरण में उरई शहर की आशा और एएनएम को दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। अब 26 व 27 दिसंबर को जालौन, कोंच, कालपी नगरीय क्षेत्र की आशा और एएनएम को प्रशिक्षण दियाजाएगा।
कार्यक्रम के दौरान परिवार नियोजन अपनाने और फील्ड में आने वाली दिक्कतों और परामर्श के लिए नाटक का भी मंचन किया गया। इसके माध्यम से बताया गया कि कैसे उपयुक्त परामर्श दिया जाना चाहिए और किन किन बातों को ध्यान दिया जाना चाहिए। इस दौरान रमाकांती, गीता सिंह, अर्चना, शशिबाला, डॉली, बबीता, अंजना आदि मौजूद रही।
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