प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर सरगर्मियां जोरों पर है. ऐसे में नगर निगम ने कुछ दिनों पहले नगर निगम ने आरक्षण सूची जारी की थी. जिसे लेकर इलाहबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. याचिका में आरक्षण नियमों को लेकर सवाल उठाये गए थे जिस पर कोर्ट में आज भी सुनवाई हुई. कोर्ट में जोरदार बहस के बाद अब 22 दिसंबर तक अधिसूचना पर रोक जारी रहेगी.
आज की सुनवाई पर सभी की निगाहें थी. शहर की सरकारों की समयावधि 14 से 19 दिसंबर के बीच समाप्त हो रही है. ऐसे में चुनाव को लेकर पहले सीटों को आरक्षित करने को लेकर आरक्षण सूची जारी की गई थी. जिसको लेकर कुछ लोगों ने ओबीसी आरक्षण को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.अब इस मामले को लेकर कोर्ट में सुनवाई चल रही है. आज भी इस मामले पर बहस हुईं और अब कल यानि 22 दिसंबर को भी इस पर बहस होगी.
पहली सुनवाई के दौरान सरकार ने कहा था कि साल 2017 के आरक्षण के सर्वे को आधार माना जाए. हलफनामे में राज्य सरकार कहा कि इसी सर्वे को ट्रिपल टेस्ट माना जाए. इसी दलील के आधार पर तब सरकार ने ये कहा था कि ट्रांसजेंडर्स को आरक्षण नहीं दिया जा सकता.अब सभी की निगाहें कल यानि गुरुवार 22 दिसंबर को कोर्ट के फैसले पर रहेगी। फिलहाल 22 दिसंबर तक अधिसूचना जारी करने पर रोक लगा दी गई है.
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