बागपत में 5 दिन से लापता मासूम शौर्य का शव पुलिस ने मंगलवार को गड्ढे से बरामद किया। शौर्य की हत्या का आरोप उसी के चाचा, चचेरे भाई और उसके दोस्त पर है, जिन्होंने दादा के पेंशन की रकम हड़पने के लिए पहले तो मासूम शौर्य का अपहरण किया और फिर निर्मम तरीके से उसकी हत्या कर शव गड्ढे में छिपा दिया। हालांकि, आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। जिन्हें पुलिस पेश करने ले जा रही थी। उसी समय पुलिस कस्टडी से दो आरोपी दरोगा की पिस्टल छीन कर भाग निकले।
आरोपियों ने पुलिस टीम पर फायर भी झोंक दिया। जिसमें एक सिपाही गोली लगने से घायल हो गया है। पुलिस के जवाबी हमले में तीन आरोपियों में दो आरोपी चाचा विनीत और उसके साथी नीरज को गोली लगी है। पुलिस ने इन्हें फिर से कस्टडी में ले लिया है। SP ने बताया तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
दरअसल, कोतवाली खेकड़ा क्षेत्र के फखरपुर गांव से 15 दिसंबर की शाम 6 साल के मासूम शौर्य का अपहरण कर लिया था। जिसके बाद पुलिस लगातार बच्चे की तलाश कर रही थी। जंगलों में ड्रोन और डॉग स्क्वायड की मदद से बच्चे की तलाश जारी थी, लेकिन शौर्य का कोई सुराग नहीं लग पा रहा था।
पुलिस ने शक के आधार पर शौर्य के चाचा विनीत पुत्र इंद्रपाल, चचेरा भाई अक्षित पुत्र सुधीर और नीरज उर्फ डैनी को हिरासत में लिया और उससे कड़ी पूछताछ की तो पता चला कि विनीत ने अक्षित के साथ मिलकर अपहरण किया था और फिर उसकी हत्या कर दी।
चाचा ने बाइक से घुमाने का दिया लालच SP के अनुसार, शौर्य 15 दिसंबर की शाम ट्यूशन से घर लौट रहा था। रास्ते में उसे चाचा विनीत मिला, उसने शौर्य को अपने साथ चलने के लिए कहा। शौर्य बाइक पर बैठने का काफी शौकीन था। उसने फट से हामी भर दी।
विनीत ने कहा चलो तुम्हें मैं आज बाइक की लंबी सैर कराता हूं। वह उसे काफी देर तक घुमाता रहा। फिर कुछ देर बाद विनीत का रिश्ते में भतीजा अक्षित और उसका दोस्त डैनी वहां पर आ जाते हैं। तीनों ने मिलकर उसकी हत्या कर दी और शव को गन्ने खेत में गड्ढा खोदकर दबा दिया।
शौर्य के बाबा को मिला था रिटायरमेंट का पैसा शौर्य के बाबा जगवीर एक साल पहले रिटायर हुए थे। उन्हें रिटायरमेंट का 50 लाख रुपए मिले थे। उन्होंने इस पैसे से कुछ जमीन खरीदी थी। जगवीर अपने बड़े बेटे सोहनबीर के साथ ही रहते थे। यानी कि शौर्य के पापा के साथ। इसलिए वह पैसे का रखरखाव और बाकी बातें सोहनबीर के साथ ही करते थे। शौर्य का चाचा विनीत उनसे अलग रहता था। लेकिन रिटायरमेंट के बाद मिले पैसे में वह भी अपना हिस्सा चाहता था और जमीन में भी। इसी के चलते विनीत ने अक्षित के साथ मिलकर शौर्य को किडनैप करने का प्लॉन बनाया।
पुलिस पूछताछ खत्म होने का कर रहे थे इंतजार शौर्य को किडनैप करने के बाद आरोपियों को उसे छिपाने की कोई ठीक जगह नहीं मिल पा रही थी। इसलिए उन्होंने किडनैपिंग के कुछ घंटों बाद ही उसकी हत्या कर दी। इधर, जैसे ही बच्चा लापता हुआ परिजन तलाश में जुट गए। कुछ देर तक जब बच्चे का सुराग नहीं मिला तो परिजनों ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस कुछ देर बाद ही इंवेस्टिगेशन में जुट गई। आरोपी पुलिस पूछताछ के खत्म होने का इंतजार कर रहे थे। उसके बाद वह फिरौती मांगने की प्लानिंग थी।
6 महीने से बना रहे थे किडनैपिंग की प्लानिंग विनीत ने पुलिस को बताया कि वह शौर्य का अपहरण करने की प्लानिंग 6 महीने से कर रहा था। इसके लिए वह बच्चे से मिलता रहता था। जिससे परिवार के लोगों को शक न हो। पूछताछ में अक्षित ने बताया कि फिरौती में जो भी रुपए मिलते उनका तिहाई हिस्से में तीनों का बंटवारा होता।
पुलिस ने दो दिन पहले ही हिरासत में लिया पुलिस की सुई बच्चे की तलाश करते-करते विनीत और अक्षित पर गई। पुलिस ने विनीत, अक्षित और उसके दोस्त डैनी को दो दिन पहले ही हिरासत में ले लिया था। पुलिस लगातार आरोपियों से पूछताछ में जुटी हुई थी। SP ने बताया कि जब आरोपियों से कड़ाई से पूछताछ की गई तो उन्होंने जुर्म को कबूल कर लिया। इसके बाद पुलिस आरोपियों को लेकर घटनास्थल पर गई जहां उन्होंने शव को दफना रखा था।
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