लखनऊ: बीते उपचुनाव मे बिना लीडर के बिखरते पाल वोटों को बहुमत मे समेंटने के इरादे से मायावती ने अयोध्या के विश्वनाथ पाल को बसपा का नया प्रदेश अध्यक्ष घोषित करके उपेक्षित चल रही पाल बिरादरी को अपनेपन का एहसास कराया है।
स्मरण रहे कि मायावती के नेतृत्व मे कभी प्रदेश के सिघांसन पर रहने वाली बहुजन समाज पार्टी आज नीचे से और नीचे जाती जा रही है। हाल के उपचुनाव मे मायावती ने बसपा के प्रत्याशी नही लड़ाए थे लेकिन उन्होने यह स्पष्ट तौर पर देखा कि नेतृत्वहीन पाल बिरादरी के वोटों मे भाजपा और सपा के बीच तगड़ा बटवारा हुआ। यह देख कर राजनैतिक चतुराई से भरपूर मायावती समझ गयी कि पाल एक बड़ा वोट बैंक है। जबकि भीम राजभर को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर बसपा को विशेष लाभ नही हुआ तो क्यों न पाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर पाल वोटां का बहुमत बटोरा जाए।
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