प्रदेश सरकार नई स्क्रैप पॉलिसी को अपनाने के बाद अब कबाड़ हो चुके वाहनों के निपटारे के लिए स्क्रैप सेंटर खोलने की नीति लेकर आई है. नई नीति के तहत कबाड़ हो चुके वाहनों के लिए स्क्रैप सेंटर खोले जाएंगे. स्क्रैप सेंटर के लिए आरटीओ कार्यालय की ओर से आवेदन की तैयारियां शुरू की गई हैं. स्क्रैप सेंटर के लिए निजी क्षेत्र के लोगों को आमंत्रित किया जा रहा है. शर्तों के मुताबिक, स्क्रैप सुविधा केंद्र खोलने के लिए आरटीओ कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं. अप्रैल तक स्क्रैप सुविधा केंद्र बन जाएंगे. वाहन मालिक केंद्रों पर पुरानी कंडम गाड़ियां भेज कर पैसे और प्रमाण पत्र ले सकेंगे. प्रमाणपत्र से नई गाड़ी खरीदने पर छूट मिलेगी.
स्क्रैपिंग सेंटर के ये शर्तें जरूरी
देश की नई स्क्रैप पॉलिसी के तहत 15 साल से पुराना कामर्शियल वाहन (commercial vehicles) और 20 साल से ज्यादा पुराने प्राइवेट वाहन (private vehicles) हटाए जाने हैं.
ये नियम जान लें
1.कोई भी व्यक्ति या संस्था स्क्रैपिंग सेंटर बनाने के लिए आवेदन कर सकता है. वाहन कबाड़ केंद्र (Vehicle scrapping centres) स्थापित करने के लिए सड़क के पास 1 से 3 एकड़ जमीन होनी चाहिए.
2. एक सिंगल विंडो क्लियरेंस पोर्टल (Single Window System) ऐसे आवेदनों की जांच और मंजूरी के लिए बनाया गया है.
3. ऐसे यात्री वाहन या व्यावसायिक वाहन जिनका दोबारा रजिस्ट्रेशन (Vehicle RC) नहीं हो सकता. या फिर वो सड़क पर चलने लायक नहीं हैं.
4. ऐसे वाहन जो आग, दुर्घटना या प्राकृतिक आपदा के कारण खराब हो चुके हैं, उन्हें भी कंडम (Scrapped Vehicles) घोषित कर कबाड़ में तब्दील किया जाएगा.
5. हर स्क्रैप सेंटर पर ऑटोमोबाइल (Automobile) या मैकेनिकल, इलेक्ट्रानिक या केमिकल इंजीनियरिंग (automobile mechanical electronic chemical engineering) में ग्रेजुएट डिग्री होना जरूरी है.
6. भूमि मालिक के अलावा एक डाटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर, दो ड्राइवर और एक मेंटीनेंस टेक्निशयन (maintenance technician) की जरूरत होगी.
7. स्क्रैप सेंटर (Scrap Rules) में वाहन को तोड़ने और उससे अलग-अलग धातु निकालने के लिए अनिवार्य उपकरण भी होने चाहिए.
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