यंग भारत ब्यूरो
नई दिल्ली. ओमीक्रॉन का नया वैरिएंट BF.7 चीन के साथ-साथ पूरी दुनिया में करोड़ों लोगों को संक्रमित कर रहा है. केंद्र सरकार को इस बात की चिंता है कि भारत में इसका क्या असर होगा. भारत में वैसे तो कोरोना की पॉजिटिविटी दर कम है और नए मामलों की संख्या कम है. लेकिन, इस नए वैरिएंट के चार मरीजों का देश में मिलना चिंता बढ़ा सकता है. यहां सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि पुरानी वैक्सीन BF.7 पर कितनी कारगर है. इसे लेकर विशेषज्ञों का एक अध्ययन सामने आया है. उसके परिणाम चौंकाने वाले हैं.
सेल होस्ट और माइक्रोब जर्नल ने इस मामले को लेकर अध्ययन किया है. उसका अध्ययन कहता है कि BF.7 वेरिएंट खतरनाक है. यह पुरानी वैक्सीन से मिलने वाली एंटीबॉडी को आसानी से चकमा दे सकता है. बीएफ. 7 वेरिएंट ताकतवर भी है. यह कोविड-19 के पहले वेरिएंट से 4.4 गुना ज्यादा प्रतिरोधक क्षमता वाला है. अगर पुरानी वैक्सीन लोगों के शरीर में एंटीबॉडी बनाती भी है तो, यह वायरस उनको संक्रमित कर सकता है. बताया जा रहा है कि इस वेरिएंट पर एंटीबॉडी का असर नहीं होता.
इतना खतरनाक है यह वैरिएंट
सेल होस्ट और माइक्रोब जर्नल की स्टडी कहती है कि BF.7 की R वैल्यू भी बहुत ज्यादा है. इसकी यह वैल्यू 10 से 18 के बीच है. विशेषज्ञ बताते हैं कि इतनी आर वैल्यू होने का मतलब है इस वैरिएंट से जो भी व्यक्ति संक्रमित होगा, वह 10 से 18 लोगों को संक्रमित कर सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि इस वैरिएंट की R वैल्यू बाकी सभी वैरिएंट के मुकाबले कहीं ज्यादा है. कोरोना वायरस के अल्फा वेरिएंट की आर वैल्यू 4-5 और डेल्टा वेरिएंट की आर वैल्यू 6-7 थी.
भारत के लिए खतरनाक नहीं, लेकिन सावधानी जरूरी
विशेषज्ञों का कहना है कि वैसे तो भारत को इस वैरिएंट से खतरा नहीं, लेकिन लापरवाही किसी भी मोड़ पर ले जा सकती है. इसलिए इससे बचाव के लिए कोरोना की गाइडलाइन का पालन करना चाहिए. विशेषज्ञों का कहना है कि यह वैरिएंट कई दिनों से भारत में है, लेकिन उसका ज्यादा असर नहीं हुआ. इसके केवल चार लोग ही प्रभावित हुए हैं. लेकिन, लापरवाही देश के लिए खतरनाक हो सकती है.
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