अनिल शर्मा + संजय श्रीवास्तव
उज्जैनl राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत जी, ने कहा कि जल संरक्षण के लिए खुद स्वयं से प्रयास करने होंगे उज्जैन में आयोजित, तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय जल संगोष्ठी के मुख्य अतिथि के रूप में विचार व्यक्त करते हुए, ,मा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखिया, ने कहा कि प्रकृति के पंचमहाभूतों को संतुलित करना होगा इनमें असंतुलन हो रहा है छोटे-छोटे प्रयास ही बड़े परिणाम लाते हैं जो व्यक्ति इस दिशा में जमीनी स्तर पर प्रयास कर रहे हैं वे प्रशंसनीय है उन्हें 5 व्यक्तियों को अपने साथ जोड़ना होगा आवश्यकता से अधिक जल का दोहन रोकना होगा हमें अपनी पुरानी जल संरचनाओं को फिर से जीवित करना होगा पुरखों की परंपरागत जल संरक्षण विधियां आज भी उपयोगी है प्राकृतिक खेती की तरफ जाना होगा वर्षा जल को रोकना प्रकृति की सेवा है प्रकृति की सेवा ही ईश्वर की सेवा है पंचमहाभूतों से जीवन तथा प्रकृति संचालित है मा सरसंघचालक जी ने कहा कि जल संरक्षण के लिए सबको अपने घर से स्वयं से सबसे पहले प्रयास करना होगा इस राष्ट्रीय जल सम्मेलन के मार्गदर्शक मा सर कार्यवाहक श्री सुरेश भैया जी के नेतृत्व में दीनदयाल शोध संस्थान तथा जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार एवं मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के सहयोग से भारत के 600 से अधिक स्वैच्छिक कार्यकर्ता तथा 100 से अधिक जल विशेषज्ञ विभिन्न विश्वविद्यालय के कुलपति वैज्ञानिक देश विदेश के जल चिंतक मौजूद थे मुझे भी इस कार्यक्रम में समुदायिक प्रयासों के लिए परंपरागत जल संरक्षण खेत पर मेड मेड पर पेड़ विषय पर बोलने के लिए आमंत्रित किया गया था मुझे भी विचार रखने का अवसर मिला हमारे जमीनी प्रयास को बल मिला जल जानकारों विशेषज्ञ ने सराहा मा मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश श्री शिवराज सिंह चौहान तथा केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत केंद्रीय एन जी टी हरित प्राधिकरण के चेयरमैन न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल खजुराहो के सांसद भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश के अध्यक्ष मा बी डी शर्मा राष्ट्रीय महामंत्री भारतीय जनता पार्टी कैलाश विजयवर्गीय दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन मंत्री मा अभय महाजन जी महामंत्री अतुल जैन जी सहित विभिन्न राज्यों के अनेकों मंत्री गणों सांसद गणों विधायक गणों वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों वरिष्ठ पत्रकारों सामाजिक चिंतक सामाजिक कार्यकर्ताओं से भेंट हुई उनके विचारों को सुना मुझे यह बताते हो प्रसंता हो रही है की मा भारत रत्न नानाजी देशमुख के आह्वान पर हमने जो प्रयास बगैर सरकार की सहायता के समुदाय के आधार पर 25 वर्ष पूर्व शुरू किए थे आज उसी विषय पर पूरी चर्चा केंद्रित रही देश के सबसे बड़े ताकत दार मंच पर परंपरा को फिर से जीवित कर जल संरक्षण के प्रयास की चर्चा करना बड़ी उपलब्धि है लगातार केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत जी ने एक-एक व्यक्ति से गंभीरता से मुलाकात की चर्चा की साथ बैठाकर वार्ता की अपने अपने क्षेत्र के अनुसार जल संरक्षण के लिए उपाय पूछे जल संरक्षण की दिशा में आज भी गांव शहरों की अपेक्षा वर्षा जल को रोकते हैं अपव्यय नहीं करते भगवान महाकाल की नगरी में उनका आशीर्वाद मिलना जो स्वयं गंगाधर हैं उनके स्थान पर पानी की चर्चा होना मां शिप्रा के तट पर भविष्य के लिए शुभ संकेत है परमार्थ संस्था के संस्थापक एवं जलसहेलियो के जनक डा संजय सिंह ने बुंदेलखंड के जल प्रबंधन पर चर्चा की जल संरक्षण के उपाय बताएं| जल योध्दा उमाशंकर पाण्डेय नेसमुदाय के आधार पर बगैर सरकार की सहायता के जल संरक्षण की दिशा में पुरखों की विधि द्वारा क्या-क्या उपाय हो सकते हैं विषय रखा गया खासकर खेत पर मेड और पेड़ पर पेड़ श्रीपाण्डेय ने कहा वे दीनदयाल शोध संस्थान तथा जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार को धन्यवाद देतेहैकि उन्होंने मुझे इस कार्यक्रम में सम्मिलित होने तथा विचार रखने का अवसर दिया |राजस्थान गुजरात महाराष्ट्र उड़ीसा आंध्र प्रदेश तेलंगना तमिलनाडु सहित कई राज्यों के जल संरक्षण पर काम करने वाले महानुभाव से मिलना हुआ अनुभव मिले वरिष्ठ जनों ने जिस उदारता बड़प्पन के साथ हमारे विचारों को सुना उसके लिए मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं मेरी मां कहती थी बगैर किसी मान सम्मान के अपना काम करते रहो एक न एक दिन आपके काम की पहचान पूरा देश करेगा आप रहे ना रहे समय लग सकता है सच हो रहा है.
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