समाजवादी पार्टी के कभी कद्दावर नेता रहे आजम खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक ताजा मामला में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। उन्होंने खुद पर दर्ज मामलों को किसी दूसरे राज्य में ट्रांसफर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने टिप्पणी भी की है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी ये याचिका
जानकारी के मुताबिक बुधवार को सपा नेता आजम खां को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी निराशा हाथ लगी है। उन्होंने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चन्द्रचूड़ की बेंच में याचिका दायर करते हुए अपील की थी कि यूपी में दर्ज उनके खिलाफ कुछ मामलों को दूसरे राज्यों में ट्रांसफर किया जाए। सुप्रीम कोर्ट में उनकी पैरवी कपिल सिब्बल कर रहे हैं।
कपिल सिब्बल कर रहे हैं पैरवी
उन्होंने कोर्ट से कहा कि उन्हें राज्य में न्याय नहीं मिलेगा। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि यह सब राज्य की ओर से किया जा रहा है। कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा कि राज्य में आजम खान के खिलाफ करीब 87 मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
कोर्ट ने कहा चाहिए पुख्ता सबूत
याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की तीन सदस्यीय बेंच ने कहा कि किसी भी केस को दूसरे राज्य में ट्रांसफर करने के लिए पुख्ता कारण होने चाहिए। बेंच ने कहा कि आपके केस में हमें ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा है। आप इलाहाबाद हाईकोर्ट जा सकते है। आप चाहे तो अपनी याचिका भी वापस ले सकते हैं।
सजा के कारण आजम को गंवानी पड़ी थी विधायकी
आपकों बता दें कि आजम खां के खिलाफ यूपी में कई आपराधिक मामले दर्ज है। अभी कुछ महीने पहले ही उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी। आजम खान को बड़ा झटका तब मिला था जब एक आपराधिक मामले में दोषी पाए जाने पर एमपी एमएलए कोर्ट ने उनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी थी। और उसके बाद हुए उपचुनावों में पहली बार रामपुर सीट से भाजपा के आकाश सक्सेना को जीत मिली थी।
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