अनिल शर्मा + संजय श्रीवास्तव
उरई(जालौन)। सपा की सरकारें इस बात की गवाह है कि उन्होंने अपने शासनकाल में पिछड़ी जातियों मैं सिर्फ यादवों का भला किया। जबकि अन्य पिछड़ी जातियों और दलितों का जमकर शोषण क्रिया। यह बात भाजपा के राज्यसभा सांसद और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बुंदेलखंड कानपुर प्रांत बाबूराम निषाद ने कही। वह आज भाजपा के जिला कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। श्री निषाद ने कहा कि सपा की प्रदेश में चार बार सरकार रही। तीन बार स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री रहे और एक बार मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार रही। लेकिन चारों बार की सरकार में पिछड़ों के नाम पर सिर्फ यादवों ने ही सबसे ज्यादा फायदा उठाया है। चाहे पीसीएस की बात हो या दरोगा, सिपाही की भर्ती रही हो। सबसे ज्यादा पिछड़ों के नाम पर यादवों को ही नौकरियां मिली। जबकि अन्य पिछड़ी जाति के लोगों को ठेंगा दिखा दिया गया। इतना ही नहीं सपा की चार बार की सरकार में जहां यादव ठेकेदारी, बालू खनन, गिट्टी, वन कटान में जहां मालामाल हो गए। वहीं अन्य पिछड़ी जातियों को उसी तरह खाली पेट बने रहेंगे।
श्री निषाद ने कहा कि इसका सबसे बड़ा उदाहरण यह है कि सपा की सरकर में प्रदेश की ‘अति पिछड़ी जातियों में जिसमें निषाद, केवट, बिंद, दर्जी, भुर्जी, याज्ञिक समेत तमाम जातियों को चुनावी सभाओं में सपा के शीर्ष नेता स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव ने अनुसूचित जाति का दर्जा देने की बात कही थी। लेकिन वह संविधान में न होने के कारण सुप्रीम कोर्ट में उनकी इस मांग को अस्वीकार कर दिया गया और 18 पिछड़ी जातियों के करोड़ों लोग सपा के इस धोखे से हतप्रभ रह गए। इसी तरह सपा को चार चार बार को सरकारों में दबंग यादवों द्वारा पिछड़ों, अति पिछड़ों और अनुसूचित जातियों का जबरदस्त शोषण किया जाता रहा। सपा शासन में गुंडों द्वारा सरेआम उनकी जमीनों पर कब्जा किया गया। गरीब महिलाओं का हर तरह से शोषण हुआ। इसका ही परिणाम है कि जनता ने लोकसभा से लेकर विधानसभा चुनाव और जिला पंचायत के चुनाव में सपा का प्रदेश से सफाया कर दिया। वह निकाय चुनाव जब होंगे तो प्रदेश की जागरूक जनता फिर से सपा, बसपा और कांग्रेस को तगड़ा सबक सिखाएगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रदेश नेतृत्व एवं मोदी और योगी जब तक पिछड़े वर्ग को उसके हिसाब से सही आरक्षण नहीं मिल जाता है तब तक प्रदेश सरकार निकाय चुनाव नहीं कराएगी। भाजपा नेतृत्व और योगी सरकार आरक्षण के मामले में हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई और सुप्रीम कोर्ट भाजपा नेतृत्व की यह स्वीकार की कि आपने आरक्षण के लिए जो पिछड़ा वर्ग का आयोग बनाया है, उसकी सिफारिशें तीन महीने में लागू करवाकर चुनाव करवाइये। यह विरोधी दलों, सपा, बसपा और कांग्रेस की हार और बीजेपी की जीत है। जो यह बताती है कि भाजपा हमेशा पिछड़ों और दलितों के हकों के लिए लड़ती रहती है। वह तभी निकाय चुनाव कराएगी, जब पिछड़ों को उनका हक दिलवा देगी।एक सवाल के जवाब में सांसद श्री निषाद ने कहां जो उनके पास निषाद महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरपी रामसखा केकई ज्ञापन आए हैं जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि कुछ अधिकारियों मिलकर नदी किनारे रहने वाले केवट निषाद आज जातियों के मछली मारने के पत्तों के अधिकार को अल्पसंख्यक समाज की कुछ जातियों को सुविधा शुल्क लेकर उन्हें ठेके दे रहे उन्होंने कहा यह बड़ा गंभीर मामला है इस बारे में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से बात करके मैं इस मामले की जांच कर आऊंगा तथा दोषी लोगों के खिलाफ और अधिकारी कर्मचारियों के बीच के भी खिलाफ कड़ी कार्रवाई कराई जाएगी । पत्रकारवार्ता में सदर विधायक गौरीशंकर वर्मा, जिलाध्यक्ष रामेंद्र सिंह बनाजी, किसान संघ के प्रदेश महामंत्री राजेश सिंह, उदयन पालीवाल, मनोज यादव, धीरेंद्र निरंजन, शक्ति गहोई. रेखा वर्मा, अनु शर्मा आदि मौजूद रहे।