UP में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। शुक्रवार को सीजन की सबसे सर्द रात रही। मथुरा में पारा 1°C रिकॉर्ड किया गया। वहीं, कानपुर, अयोध्या और सोनभद्र में पारा 2°C रिकॉर्ड किया गया। लखनऊ के आंचलिक मौसम केंद्र के मुताबिक, अभी ठंड से राहत और नहीं मिलेगी। कोहरा भी घना होगा। अगले 3 दिनों तक ऐसा ही मौसम रहेगा। शनिवार को लखनऊ के आलमबाग, पारा, आशियाना में तड़के घना कोहरा रहा।
मथुरा में केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान के PRO पुष्पेंद्र शर्मा ने बताया कि जिले के फरह में रात का तापमान 1°C तक पहुंच गया था। मथुरा के अन्य क्षेत्रों में भी पारा 2°C पर ही सिमट गया। इसके अलावा मुजफ्फरनगर में 3°C, आगरा में 3.2°C, झांसी और सुलतानपुर में 3.9°C, लखनऊ और सहारनपुर में 4°C, मुरादाबाद में 4.6°C, इटावा 4.6°C, बरेली में 4.8°C रिकॉर्ड किया गया।
शुक्रवार को कैसा था मौसम
शुक्रवार की बात करें तो UP के अधिकतर जिलों में कहीं हल्की तो कहीं तेज धूप निकली। सबसे तेज धूप सोनभद्र के चुर्क में निकली, जहां अधिकतम पारा 19.5°C तक पहुंच गया। शुक्रवार को प्रदेश में दिन के समय सबसे कड़ाके की ठंड कानपुर‚ उरई‚ हमीरपुर‚ बरेली और मेरठ में पड़ी, जबकि गुरुवार, शुक्रवार की रात को सबसे कड़ाके की ठंड कानपुर‚ सुलतानपुर‚ अयोध्या और झांसी में पड़ी। प्रदेश के सभी जिलों में रात को घना कोहरा भी पड़ा।
कानपुर में लगातार बढ़ रहा मौतों का ग्राफ
कानपुर में पारा लगातार 5 डिग्री से कम बना है। इसके चलते कानपुर में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ गए हैं। छह दिनों में हार्ट अटैक से 83 मौतें हुई जबकि ब्रेन अटैक से 17 यानी कुल 100 मौतें हो चुकी हैं। शुक्रवार को कार्डियोलॉजी (LPS इंस्टीट्यूट ऑफ सांइजेस ) में इमरजेंसी में 78 और ओपीडी में 547 हार्ट पेशेंट पहुंचे। वहीं बीते 24 घंटे में कार्डियोलॉजी में 47 नए पेशेंट एडमिट किए गए।
ब्लड प्रेशर हो रहा अनियंत्रित
LPS इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी के डायरेक्टर डॉ. विनय कृष्णा ने बताया कि नॉर्मल दिनों में अगर हार्ट की नसों में 30% ब्लॉकेज है तो ठंड में नसें सिकुड़ने की वजह से वही ब्लॉकेज 60% तक हो जाता है। इस कंडीशन में पेशेंट का एंजाइन और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, ऐसे में हार्ट अटैक के चांसेज दोगुना हो जाते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि हार्ट अटैक और ब्रेन अटैक के जो रोगी आ रहे हैं, उनका ब्लड प्रेशर अनियंत्रित हो गया था। इसके साथ ही जो डायबिटीज, गुर्दा, लिवर का पुराना रोगी हैं, उनके लिए खतरा अधिक है।
इस प्रकार पहचानें लक्षण
कार्डियोलॉजिस्ट के मुताबिक, हार्ट अटैक जब भी होना होगा तो शरीर के बाएं हिस्से के हाथ, कंधे, जबड़े, गर्दन और चेस्ट में अचानक से तेज दर्द होता है। इसे कभी इग्नोर नहीं करना चाहिए। ऐसा एक बार होकर बंद हो सकता है, लेकिन इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। जांच जरूर करानी चाहिए।
डिस्प्रिन जरूर रखें साथ
सिर दर्द की गोली डिस्प्रिन हार्ट अटैक में संजीवनी बूटी की तरह काम कर सकती है। डॉक्टर्स के मुताबिक, हार्ट अटैक जैसे लक्षण होने पर घर में सबसे पहले 325 मिग्रा. तक डिस्प्रिन को चबा ले, तो तत्काल राहत मिल सकती है। आंकड़ों के मुताबिक, डिस्प्रिन लेने के बाद हार्ट अटैक से जान को खतरा 25% कम हो जाता है।
यूपी में सबसे ज्यादा मौतें कानपुर में क्यों?
हार्ट अटैक से सबसे ज्यादा मौतें कानपुर में दर्ज की जा रही हैं। इस मामले में डॉक्टर्स ने बताया कि यूपी में कानपुर सबसे ज्यादा ठंडा बना हुआ है। कार्डियोलॉजी में कानपुर समेत 18 जिलों के पेशेंट भर्ती होने के लिए पहुंच रहे हैं। ये भी एक बड़ा कारण है कि कानपुर में ज्यादा मौतें दर्ज की जा रही हैं।
ठंड से फट रहीं दिमाग की नसें
कानपुर में ब्रेन अटैक के मामले तेजी से बढ़े हैं। छह दिनों में अब तक 17 लोगों की मौत ब्रेन अटैक से हो चुकी है। सीनियर न्यूरो सर्जन डॉ. राघवेंद्र गुप्ता ने बताया कि मस्तिष्क की नस फटने के वार्ड में 25 रोगियों का इलाज चल रहा है। वहीं, न्यूरो साइंसेज विभाग में शुक्रवार देर रात तक दिमाग की नस फटने के 12 रोगियों को भर्ती किया गया। ब्रेन अटैक से 2 रोगियों की मौत हुई है।
मरीज बढ़ने के बाद खोला गया कंट्रोल रूम
मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए कार्डियोलॉजी में कंट्रोल रूम नंबर शुरू किया गया है। हार्ट पेशेंट पहुंचने से पहले 7380996666 इस नंबर पर फोन कर सूचित कर सकते हैं। ऐसे में उसके इलाज के लिए पूरी तैयारी कर ली जाती है। वहीं कंट्रोल रूम में हार्ट अटैक जैसे लक्षण होने पर भी सहायता ली जा सकती है।
स्ट्रैचर पर किया जा रहा इलाज
डॉक्टर विनय कृष्णा ने बताया कि कार्डियोलॉजी में 200 बेड हैं। इस समय क्षमता से अधिक पेशेंट आ रहे हैं, इसलिए स्ट्रैचर में भी पेशेंट का इलाज किया जा रहा है। शुक्रवार को करीब 30 पेशेंट का इलाज स्ट्रैचर पर किया जा रहा था।
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