यंग भारत ब्यूरो
जैक मा मार्च 2020 में भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) को पछाड़कर एशिया के सबसे बड़े रईस बन गए थे। लेकिन अक्टूबर 2020 मे चीन की सरकार के बारे में दिए गए एक बयान के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ गई थी। एंट ग्रुप पर अब उनका कंट्रोल नहीं रह गया है। इन दिग्गज फिनटेक कंपनी में जैक मा के वोटिंग राइट्स बहुत कम कर दिए गए हैं। कभी एंट ग्रुप में उनके पास 50 फीसदी वोटिंग राइट्स थे जो अब 6.2 फीसदी रह गए हैं। एंट में उनकी हिस्सेदारी भी अब महज 10 फीसदी रह गई है। एंट ग्रुप चीन की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा (Alibaba) की सहयोगी है।
इंग्लिश टीचर के रूप में शुरुआत
जैक मा का जन्म 10 सितंबर, 1964 को हुआ था। उन्हें बचपन से ही अंग्रेजी का चस्का लग गया था। इतना जुनून था कि नौ साल की उम्र में वह टूरिस्ट्स को गाइड करने के लिए 27 किमी साइकिल चला कर जाया करते थे। इस तरह वह अपनी इंग्लिश को दुरुस्त करते थे। कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए उन्हें तीन साल लग गए। ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने इंग्लिश टीचर के रूप में अपना करियर शुरू किया। उन्होंने कम से कम 30 बार नौकरी के लिए आवेदन दिया लेकिन हर जगर निराशा मिली। पुलिस में भी भर्ती होने की कोशिश की लेकिन वहां भी बात नहीं बनी। चीन में KFC की ब्रांच खुली तो जैक मा भी इंटरव्यू देने पहुंच गए। 24 में से 23 लोगों को चुना गया और जैक मा रिजेक्ट हो गए।
अमेरिका जाकर खुली आंखें
1995 में वह अपने दोस्तों के साथ अमेरिका गए। वह उन्होंने देखा कि इंटरनेट पर चीन के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने चीन लौटकर अपनी इंटरनेट कंपनी शुरू की। इसे निवेशकों ने हाथोंहाथ लिया। उन्हें कंप्यूटर की कोई खास जानकारी नहीं थी लेकिन उन्होंने ऑनलाइन बिजनस शुरू किया। 1999 में जैक मा ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा (Alibaba) की स्थापना की। शुरू में तो चीन के लोगों ने उन्हें ठग समझा लेकिन धीरे-धीरे इंटरनेट के विस्तार से अलीबाबा का कारोबार भी बढ़ने लगा।
कई कंपनियों की स्थापना
इसके बाद मा ने Taobao Marketplace, Alipay, Ali Mama और Lynx की स्थापना की। अलीपे हमारी ऑनलाइन पेमेंट कंपनी पेटीएम की तरह है। चीन में अलीपे ने चीन में कैश, चेक और क्रेडिट कार्ड को काफी हद तक खत्म कर दिया। अमेरिकी कंपनी eBay ने Taobao को खरीदने का ऑफर दिया था लेकिन मा ने इसे खारिज कर दिया। याहू के कोफाउंडर Jerry Yang ने Taobao ने एक अरब डॉलर का निवेश किया। जैक मा की कंपनियां दिन दोगुनी रात चौगुनी उड़ान भर रही थी।
मुकेश अंबानी को पछाड़ा
सितंबर 2014 में अलीबाबा अमेरिका में 25 अरब डॉलर का आईपीओ लाई और दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनियों की जमात में शामिल हो गई। यह अमेरिका का इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ था। मार्च 2020 में वह मुकेश अंबानी को पछाड़कर एशिया के सबसे बड़े रईस बन गए थे। लेकिन उसी साल अक्टूबर में उनका एक बयान उनके लिए गले की हड्डी बन गया। जैक मा ने चीन के बैंकों पर साहूकारों जैसी मानसिकता रखने का आरोप लगाया था। इसके बाद से ही उनकी कंपनियों एंट और अलीबाबा के बुरे दिन आ गए।
नेटवर्थ में गिरावट
चीन सरकार ने एंट के 37 अरब डॉलर के आईपीओ को बंद कर दिया था। साथ ही अलीबाबा पर भी 2.8 अरब डॉलर का जुर्माना लगाया था। ब्लूमबर्ग बिलिनेयर इंडेक्स के मुताबिक उनकी नेटवर्थ अब 34.1 अरब डॉलर रह गई है और वह दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 34वें नंबर पर खिसक गए हैं। इस लिस्ट में अंबानी 86.8 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ एशिया में दूसरे और दुनिया में आठवें नंबर पर हैं। अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी 117 अरब डॉलर की नेटवर्थ के सबसे अमीर एशियाई हैं।