लखनऊ के लोहिया अस्पताल के डॉक्टर अमित नायक का गुरुवार देर रात संदिग्ध हालात में शव घर में मिला। पुलिस ने कमरे का दरवाजा तोड़कर लाश को बाहर निकाला। शव के पास कई इंजेक्शन पड़े थे। DCP नार्थ कासिम आब्दी ने कहा कि शुरुआती जांच में यह केस सुसाइड का लग रहा है। फिलहाल, शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट के बाद ही सही कारणों की जांच होगी।
फोन न उठने पर दोस्त घर पहुंचे, पुलिस को दी सूचना
अमित नायक गोरखपुर के गगहा चवरियां गांव का रहने वाला था। EMO डॉ. राहुल ने बताया, “अमित MBBS एनेस्थीसिया PG फर्स्ट ईयर (JR-1) का स्टूडेंट था। सीनियर डॉक्टर दीपक दीक्षित ने इमरजेंसी ड्यूटी के लिए अमित को करीब 6:30 बजे फोन लगाया, तो फोन स्विच ऑफ आया। इस पर उन्होंने कंसल्टेंट इंचार्ज दीपक को इसकी जानकारी दी।
EMO ने बताया कि इसके बाद अमित के जानने वालों से उसके बारे में पता किया गया, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली। इसके बाद डॉ. शुभेंदु, डॉ. शोएब और डॉ. अनिल मौके पर पहुंचे। जहां दरवाजा पीटने पर कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। डॉक्टरों ने खिड़की से झांक कर देखा, तो डॉक्टर बेड पर अचेत अवस्था में पड़ा था। डॉक्टरों ने पुलिस को बुलाया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोड़कर अमित को बाहर निकाला।
लखनऊ पहुंचे अमित के परिजन
गाजीपुर इंस्पेक्टर ने बताया, “अमित के शव को दरवाजा तोड़कर बाहर निकाला गया। पुलिस उसे लोहिया अस्पताल ले गई। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अमित के परिजन दिल्ली के जहांगीरपुरी में रहते हैं। परिवार के लोग लखनऊ पहुंच गए हैं।”
नाम न छापने की शर्त पर डॉक्टरों ने बताया कि लोहिया में जूनियर से लेकर सीनियर डॉक्टर तक लगातार ड्यूटी से तनाव में हैं। वहीं दूसरी तरफ साथी डॉक्टरों ने इस बात की भी आशंका व्यक्त की है कि एनेस्थीसिया की ओवरडोज से अमित की मौत हुई है। इसकी वजह उन्होंने बताई कि अमित को कई दिन से छुट्टी नहीं मिल रही थी। इससे उसकी नींद भी पूरी नहीं हुई थी।
शंका है कि तनाव के चलते उसने एनेस्थीसिया की ओवरडोज ले ली, जिससे उसकी मौत हो गई। हालांकि, पुलिस इस मामले में सभी एंगल पर जांच कर रही है। पुलिस अमित के मोबाइल की भी जांच करी है। ताकि, सुसाइड से पहले उसने क्या किया? किससे संपर्क किया? इसका पता लगाया जा रहा है।
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