आगरा। जिले के परिषदीय विद्यालयों में अब शिक्षकों को बात-बात पर अवकाश नहीं मिलेगा। न ही वह सिर्फ वाट्सएप पर मैसेज डालकर ही छुट्टी पर जा सकेंगे। इसके लिए उन्हें बाकायदा आनलाइन आवेदन करना होगा, उनका ट्रैक रिकार्ड देखकर ही छुट्टी स्वीकृत होगी, तभी वह जिला छोड़ पाएंगे।
प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में तैनात शिक्षकों को छुट्टी देने को लेकर जिला बेसिक शिक्षाधिकारी प्रवीण कुमार तिवारी सख्त हैं। वह शिक्षकों के छुट्टी के आवेदन स्वीकृत करने से पहले उनका ट्रैक रिकार्ड जांच रहे हैं। जिन शिक्षकों के बताए कारण सही व स्वभाविक नजर आ रहे हैं, वह सिर्फ उन्हीं का प्रार्थना पत्र स्वीकार कर रहे हैं, जबकि बहाने बनाकर या गलत कारणों से छुट्टी लेने के लिए आवेदन करने वाले शिक्षकों के आवेदनों को तुरंत निरस्त कर रहे हैं।
550 से ज्यादा आवेदन निरस्त
स्थिति यह है कि अगस्त माह में प्राप्त विभिन्न प्रकार की छुट्टियों के एक हजार से ज्यादा आवेदनों में से उन्होंने सिर्फ 250 से 300 को ही स्वीकृति दी, जबकि 550 से अधिक को उन्होंने निरस्त कर दिया। शेष पर उन्होंने खंड शिक्षाधिकारियों से रिपोर्ट लेकर निर्णय लिया।
अपना रहे यह प्रक्रिया
जिला बेसिक शिक्षाधिकारी नियमित रूप से आनलाइन प्राप्त होने वाले आवेदनों की मानिटरिंग करते हैं, सभी आवेदनों में छुट्टी लेने का कारण देखते हैं, साथ ही वह उक्त शिक्षक द्वारा पिछले दिनों ली गई छुट्टियों को देखते हैं। कारण सही लगने पर ही छुट्टी स्वीकृत की जाती है, अन्यथा की स्थिति में आवेदन निरस्त कर देते हैं। उनका कहना है कि शिक्षकों को छुट्टी लेने का हक है, लेकिन जिन विद्यार्थियों को शिक्षित करने के लिए उन्हें जिम्मेदारी दी गई है, उनके पास शिक्षा प्राप्ति के अन्य विकल्प नहीं है। ज्यादा शिक्षक छुट्टी ले लेंगे, तो उनकी पढ़ाई प्रभावित होगी, इसलिए वह यह नहीं चाहते।
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