प्रदेश कौशल विकास मिशन (यूपीएसडीएम) ने राज्य के 16 शहरों में 10,000 लड़कियों के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण पायलट परियोजना शुरू की है।
यूपीएसडीएम के स्किल एक्विजिशन एंड नॉलेज अवेयरनेस फॉर लाइवलीहुड प्रमोशन (संकल्प) पहल के तहत स्पोर्ट्स, फिजिकल एजुकेशन, फिटनेस एंड लीजर- स्किल्स काउंसिल (एसपीईएफएल-एससी) द्वारा लागू किया जा रहा कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को आत्मरक्षा तकनीक और रणनीति सिखाना है ताकि वह उत्पीड़न और हमले के खिलाफ लड़ सकें।
तीन दिवसीय आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ की घोषणा करके हुए व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने लखनऊ के आईटीआई, अलीगंज में प्रत्येक उम्मीदवार को चेन अलार्म, सुरक्षा सीटी और स्प्रे युक्त निर्भया किट वितरित की।
उन्होंने यह भी कहा कि इसी तरह का प्रशिक्षण तीन अन्य केंद्रों- आईटीआई मोहनगंज, महिला आईटीआई चारबाग और आईटीआई चारबाग में भी शुरू हुआ है। आत्मरक्षा तकनीकों को सीखने से, महिलाओं को खुद को बचाने और हमलावरों के खिलाफ लड़ने के लिए आवश्यक आत्मविश्वास और कौशल प्राप्त होता है। इस कार्यक्रम से 10,000 लाभार्थियों के जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की उम्मीद है और यूपीएसडीएम यह सुनिश्चित करने के लिए निरंतर समर्थन और प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है कि ये कौशल राज्य की बेटियों के लिए दीर्घकालिक रूप से प्रासंगिक और प्रभावी बने रहें।
उन्होंने कहा, यह पहल 16 जिलों में एक पायलट परियोजना के रूप में शुरू की गई है और छह महीने में पूरी हो जाएगी। इसके बाद इसे हर जिले के आईटीआई और यूपीएसडीएम प्रशिक्षण केंद्रों में शुरू किया जाएगा।
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