यंग भारत ब्यूरो
दुनिया के सबसे बड़े रिवर क्रूज गंगा विलास को तीन दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाई है. यहा आलीशान क्रूज वाराणसी से 51 दिवसीय यात्रा पर निकला है. वाराणसी से निकलने के बाद तीसरे दिन क्रूज को बिहार पहुंचने पर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. नदीं में पानी कम होने के कारण क्रूज उथले क्षेत्र में फंस गया. गंगा विलास क्रूज के साथ यह समस्या बिहार के छपरा में सामने आई है. गंगा विलास क्रूज छपरा में डोरीगंज बाजार के पास फंसा. बता दें कि यह जगह छपरा से 11 किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित है. डोरीगंज में चिरांद सारण सबसे महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल है. घाघरा नदी के तट पर बने स्तूपनुमा भरावों को हिंदू, बौद्ध और मुस्लिम प्रभावों से जोड़कर देखा जाता है. अधिकारियों ने बताया कि यहां तट पर उथले पानी के कारण क्रूज को तट पर लाना मुश्किल था. वहीं, सरकार ने क्रूज के फंसने की खबर को बेबुनियाद बताया है.
मीडियो रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि मौके पर पहुंची एसडीआरएफ की टीम ने छोटी नाव के जरिए पर्यटकों की मदद की, ताकि उन्हें चिरांद सारण पहुंचने में दिक्कत न हो. व्यवस्था बनाने वाली टीम में शामिल छपरा के सीओ सतेंद्र सिंह ने कहा कि चिरांद में पर्यटकों के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है. गंगा में कम पानी की समस्या सामने आने के बाद घाट पर एसडीआरएफ की टीम को तैनात किया गया है, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति पर तत्काल कार्रवाई की जा सके. पानी कम होने के कारण क्रूज को किनारे तक लाने में दिक्कत हो रही है. इसलिए छोटी नावों के जरिए पर्यटकों को लाने का प्रयास किया जा रहा है.
वहीं, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) के चेयरमैन संजय बंद्योपाध्याय ने कहा कि यह क्रूज आगे के सफर पर भी अपने पूर्व-निर्धारित कार्यक्रम के अनुरूप ही आगे बढ़ेगा. तीन दिन पहले वाराणसी से अपने पहले सफर पर निकला दुनिया का सबसे लंबा रिवर क्रूज ‘एमवी गंगा विलास’ किसी व्यवधान के बगैर अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुरूप सोमवार को पटना पहुंच गया. बंद्योपाध्याय ने इस क्रूज के छपरा में गंगा नदी की तलहटी में फंस जाने को लेकर आई खबरों को पूरी तरह नकारते हुए कहा कि यह क्रूज अपने तय कार्यक्रम के अनुरूप पटना पहुंच गया है.
बता दें कि गंगा विलास क्रूज में बेहद खास फीचर हैं. इसकी गति धारा के प्रतिकूल 12 किलोमीटर प्रति घंटा और धारा के अनुकूल 20 किलोमीटर तक है. सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के साथ क्रूज में पीने के पानी के लिए आरओ सिस्टम है. क्रूज में लोगों की सुविधा और उनकी जरूरतों के लिए सभी जरूरी सुविधाएं मौजूद हैं. भारत में इसका किराया ₹25,000 प्रतिदिन है, जबकि बांग्लादेश में किराया ₹50,000 प्रतिदिन है.
लग्जरी ट्रिपल-डेक क्रूज वाराणसी से असम के डिब्रूगढ़ तक दुनिया के सबसे लंबे जलमार्ग पर यात्रा करेगा. क्रूज में 18 सूट के साथ 80 यात्रियों की क्षमता है. यह क्रूज 51 दिनों की यात्रा पर है और 15 दिनों तक बांग्लादेश से होकर गुजरेगा. इसके बाद यह असम में ब्रह्मपुत्र नदी के रास्ते डिब्रूगढ़ जाएगा. लग्जरी क्रूज 3,200 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेगा और भारत और बांग्लादेश में 5 राज्यों से होकर गुजरेगा.
यह क्रूज यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश और असम की कुल 27 नदी प्रणालियों से होकर गुजरेगा. क्रूज तीन प्रमुख नदियों गंगा, मेघना और ब्रह्मपुत्र से होकर गुजरेगा. क्रूज बंगाल में भागीरथी, हुगली, विद्यावती, मालता और सुंदरबन नदी प्रणालियों में प्रवेश करेगा. बांग्लादेश में यह मेघना, पद्मा और जमुना से होकर गुजरेगा और फिर असम में प्रवेश करेगा. 51 दिनों में क्रूज विश्व धरोहर स्थलों, राष्ट्रीय उद्यानों, नदी घाटों और बिहार में पटना, झारखंड में साहिबगंज, पश्चिम बंगाल में कोलकाता, असम में गुवाहाटी और बांग्लादेश में ढाका जैसे 50 पर्यटन स्थलों को कवर करेगा.
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