उरई(जालौन)। प्राचीन “जालौनी माता” मंदिर पर पत्नी सरोज के साथ दर्शन करके धन्य हुवा। मैं जनपद जालौन में अपर पुलिस अधीक्षक की तैनाती के दौरान “ दस्यु उन्मूलन” में काम्बिंग करते हुए 1982 में अचानक माता के दरबार में आया था। उस समय चम्बल के कुख्यात डकैत गैंग मलख़ान सिंह, घनश्याम , फूलन देवी- मानसिंह, श्रीराम- लालाराम, बाबा मुस्तकीम, बलवान गडरिया, राम औतर आदि सक्रिय थे। फूलन- मान सिंह , बाबा मुस्तक़ीम आदि के गैंग द्वारा वैलेंटाइन डे “14-2-1981” को बेहमई गाँव में 20 लोगों का नरसंहार( 17 राजपूत, एक-एक दलित, मुस्लिम और पिछड़ी जाति) कर चुका था।
उत्तर प्रदेश सरकार ने दस्यु उन्मूलन के लिए जालौन, इटावा में अपर पुलिस अधीक्षक के पद सृजित किए थे, मैं जालौन का पहला अपर पुलिस अधीक्षक नियुक्त होकर 22-4-1982 को यहाँ आया था। श्री विजय शंकर( IPS- 1969) जालौन के एसएसपी थे। उस समय पुलिस का मुख्य काम डकैत उन्मूलन था।
बीहड़ में दस्यु गैंग की उपस्थिति की सूचना पाकर मैं डिप्टी एसपी लक्ष्मी कांत सिंह और 20-25 जवानों के साथ काम्बिंग करते हुए यमुना जी के किनारे विश्राम के लिए रुका और यमुना जी में हाथ मुँह धोकर पानी पिया। उस समय देवी की एक छोटी सी मठिया से एक मुस्लिम परिवार माँ के दर्शन करके गोद में छोटा बच्चा लिए बाहर निकले। मुस्लिम व्यक्ति की लंबी दाढ़ी और उनकी पत्नी बुर्का पहने थी।लक्ष्मी कांत इस जोड़े से बात करने लगे तो उन्होंने बताया कि उनके कोई औलाद नहीं थी। किसी ने बताया था कि माता के दर्शन करने से मुराद पूरी हो जाती है।वे भी माँ के दर्शन करके औलाद माँगे थे, माता जी ने उनकी मुराद पूरी की और उन्हें पुत्र प्राप्त हुवा। पुत्र के एक साल होनें के बाद माता के दर्शन करने आये हैं। मेरे भी उस समय कोई संतान नहीं थे। पत्नी का इलाज भी चला, परंतु कोई बच्चा नहीं हुवा। हमने संतान की उम्मीद छोड़ दी थी। लक्ष्मी कांत बोले कि सर आप भी दर्शन करें और माँ से मन्नत माँगे। मैं कंधे से .303!रायफल लटकाए दरवाज़े से ही हाथ जोड़कर माँ से आशीर्वाद माँगा। माँ ने इक्षा पूरी की और 10 महीने बाद 20-3-1983 को हमें पुत्री संगीता मिली। मैं बेटी को लेकर पहले भी आया था।आज तीसरी बार माँ के दर्शन का अवसर मिला। दर्शन पाकर मैं और मेरी पत्नी अविभूत हैं।माता जी की जय।