गाजीपुर। नेपाल हादसे में मृत युवकों के शव चारों के घर पहुंचा को कोहराम के बीच हुजूम उमड़ पड़ा। हर कोई ताबूत में बंद पार्थिव शरीर को कंधा देना चाहता था। स्वजन शवों का चेहरा तक नहीं देख पाए। ताबूत में बंद शवों को उसी तरह से अर्थी पर रख दिया गया। पिछले दस दिनों से शव के लिए रोते-बिलखते परिजन ने शवों को सिर्फ कंधा देकर हमेशा के लिए अपनों से विदा कर दिया।
पिछले रविवार को नेपाल में यति एयरलाइंस का विमान दुर्घटनाग्रस्त होने से उसमें सवार जिले के चकजैनब निवासी सोनू जायसवाल व अनिल राजभर, धरवां के अभिषेक कुशवाहा एवं अलावलपुर निवासी विशाल शर्मा की मौत हो गई थी। हादसे के बाद चारों शवों को वतन लाने के लिए स्वजन पिछले एक सप्ताह से नेपाल के काठमांडू में डेरा डाले हुए थे।
बामुश्किल से शरीर के चिन्हों व पहने हुए सामानों के आधार पर काठमांडू के अस्पताल प्रशासन ने चारों शवों को स्वजन के सिपुर्द कर दिया। दसवें दिन स्वजन एंबुलेंस से शवों को लेकर गांव पहुंचे। शव आने से पहले से ही चारों के घरों पर हुजूम उमड़ा हुआ था। शव पहुंचते ही चीख पुकार मच गई।
स्वजन अपने लाल को एकनजर देखना चाहते थे लेकिन शव ताबूत में सील पैक होने के कारण उसे खोला नहीं गया। इसके तुरंत बाद गौसपुर गंगा घाट पर शवों को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। चारों शवों को गांव के पुरुष-महिलाएं सभी कंधा देने को बेताब रहे। उधर, सोनू जायसवाल के बच्चे अपने पिता का पार्थिव शरीर पहुंचने के बाद बिलख पड़े।
Get real time update about this post categories directly on your device, subscribe now.