उरई(जालौन)। वर्ष 2025 तक क्षय (टीबी) मुक्त भारत बनाने के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में सब नेशनल सर्टिफिकेशन 2023 (एसएनसी) एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जालौन में एसएनसीसर्वे के माध्यम से जिले में टीबी को लेकर चल रहे प्रयासों और उनके नतीजों को बारीकी से परखा गया। क्षय उन्मूलन के संकेतकों (इंडीकेटर) पर खरे उतरने वाले जिलों को स्वर्ण (गोल्ड), रजत और कांस्य की श्रेणी में स्थान दिया जायेगा। जालौन को कांस्य की श्रेणी में स्थान मिला था।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. डीके भिटौरिया ने बताया कि डिस्ट्रिक्ट लेवल एनुवल सर्वे (डीएलएएस) के वालंटियर के सहयोग से जिले में दस टीमों ने सर्वे अभियान चलाया।इस दौरान टीम टीबी जांच की सुविधा, मरीजों के नोटिफिकेशन (सरकारी/प्राइवेट), टीबी मरीजों की एचआईवी जाँच, निक्षय पोषण योजना के तहत भुगतान की स्थिति, प्राइवेट ड्रग सेल और मरीजों की संख्या में आ रही कमी की दर को बारीकी से परखा। जिला स्तरीय इस वार्षिक सर्वेक्षण में 10094 घरों में जाकर 42469 लोगों का सर्वे किया गया। इसमें संदिग्ध पाए 254 लोगों के बलगम की जांच की गई। इसमें तीन लोग पॉजिटिव पाए गए। सर्वे में 21 ऐसे गाँव थे जहाँ एक भी टीबी मरीज नहीं मिला| सर्वे रिपोर्ट को इन्डियन एसोसिएशन ऑफ़ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन (आईएपीएसएम) और डब्ल्यूएचओ इण्डिया के सहयोग से इन्डियन काउन्सिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) द्वारा इसका सत्यापन किया जाएगा। विश्व क्षय रोग दिवस 24 मार्च 2023 पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम के दौरान सफल जिलों को सम्मानित किया जाएगा।
टास्क फोर्स की टीम को 21 गांवों में नहीं मिला टीबी मरीज
नेशनल टास्क फोर्स के सदस्य डॉक्टर अशोक भारद्वाज, आल इंडिया प्रैविंटन एंड सोशल मेडिसन (आईएसपीएसएम) के स्टेट नोडल डॉक्टर मनीष, डब्ल्यूएचओ लखनऊ कंसलटेंट डॉ दिनेश बालिगा, एसएनसी डब्लूएचओ कंसलटेंट डाक्टर पवन पालीवाल ने जिले में 24 गांवों का सर्वे किया। इसमें 21 गांव टीबी मुक्त मिले। टीम के सदस्यों ने जनपद जालौन के नोडल अधिकारी डॉ विशाल, डॉ शैलेन्द्र कुमार, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉक्टर देवेंद्र कुमार भिटौरिया, चिकित्साधिकारी डॉ कौशल किशोर के प्रयासों की सराहना की। टीम ने टीबी रोकथाम को लेकर प्राइवेट चिकित्सकों एवं औषधि विक्रेताओं के साथ बैठक ली। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एनडी शर्मा से भी मुलाकात करते हुए जनपद की क्षय रोग उन्मूलन के कार्यों पर विस्तृत चर्चा की।
इन गांवों को किया टीबी मुक्त
अमखेड़ा, कुंवरपुरा, भदवा, सहाव, मझवार, निस्वापुर, इटौरा बाबानी, परौसा, इकौना, रुरा नदीगांव, बरौली, ऊमरी, शंकरपुर मुस्तिकल, हरशंकरपुर, ऊमरी मुस्तिकल, रामपुरा कस्बा, हनुमानगढ़ी, बघावली, नगरा, भीकमपुर, पिंडारी, उरई का वार्ड नंबर आठ रामनगर में सर्वे के दौरान टीबी का कोई नया मरीज नहीं मिला। इस पर इन्हें टीबी मुक्त घोषित किया गया।
टीबी उन्मूलन के लिए हो रहा प्रयास
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एनडी शर्मा ने बताया कि क्षय उन्मूलन की दिशा में लगातार काम किया जा रहा है। इसका नतीजा है कि जालौन टीबी मुक्त की ओर बढ़ रहा है। जालौन को कांस्य पदक के लिए चुना जाना एक बड़ी उपलब्धि है।
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