इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) ) ने पिछले वर्ष 10 जून को प्रयागराज (Prayagraj) में हुई हिंसा के कथित मास्टरमाइंड जावेद मोहम्मद उर्फ जावेद पंप की जमानत याचिका शनिवार को मंजूर कर ली. पिछले वर्ष 10 जून को शुक्रवार की नमाज के बाद प्रयागराज के अटाला इलाके में हिंसा भड़क उठी थी.
कोर्ट ने क्या कहा
जावेद पंप की जमानत की अर्जी स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति समीर जैन ने कहा, ‘‘यद्यपि ऐसा लगता है कि याचिकाकर्ता की सक्रियता की वजह से उसके समुदाय के लोग भारी संख्या में एकत्रित हुए और इसके बाद भीड़ ने हिंसा की, लेकिन इस तथ्य पर विचार करते हुए कि याचिकाकर्ता इस तरह की हिंसा के लिए कारक प्रतीत नहीं होता, मेरे विचार से वह जमानत पर रिहा होने का पात्र है’’
मामले में जावेद और 13 अन्य लोगों के खिलाफ हुई थी FIR
मामले में याचिकाकर्ता 10 जून, 2022 से जेल में है, जबकि इसी मामले में अन्य नौ आरोपी पहले ही जमानत पर रिहा किए जा चुके हैं. उल्लेखनीय है कि इस हिंसा के मामले में 11 जून, 2022 को करेली थाने में जावेद और 13 अन्य लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
मकान पर चला था बुलडोजर
बीजेपी की पूर्व नेता नुपूर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद पर विवादित बयान देने के बाद पिछले साल 10 जून को प्रयागराज के अटाला इलाके में जुमे की नमाज के बाद आगजनी और हिंसा भड़क उठी थी. हिंसा भड़काने का आरोप करैली के रहने वाले जावेद पम्प पर लगा था. इसके साथ ही उसे हिंसा का मास्टरमाइंड भी बताया गया.
पुलिस के मुताबिक उसके मोबाइल से कई आपत्तिजनक संदेश मिले और घर से कई आपत्तिजनक सामान भी बरामद हुआ था. इसके बाद प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने कार्रवाई करते हुए उसके घर पर बुलडोजर चलाकर गिरा दिया था.
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