उरई(जालौन)। मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य पालक विकास अभिकरण दीपमाला सिंह ने बताया कि निदेशक मत्स्य उ०प्र० लखनऊ के पत्र के क्रम में मुख्यमंत्री मत्स्य संम्पदा योजना नामक एक नवीन योजना आरम्भ की गयी जिसमें दो परियोजनाये संचालित होगी प्रथम मनरेगा कनवर्जेन्स अथवा पट्टाधारक द्वारा स्वयं अथवा अन्य विभागों के माध्यम से सुधारे गये ग्रामसभा तालावो में प्रथम वर्ष निवेश यथा मत्स्य बीज, पूरक आहार, जलापूर्ति दवायें जाल आदि के क्रय पर अनुदान, द्वितीय मनरेगा कन्वर्जेन्स अथवा पट्टाधारक द्वारा स्वयं अथवा अन्य विभागों के माध्यम से सुधारे गये ग्रामसभा व अन्य पट्टे के तालाबों में मत्स्य बीज बैंक की स्थापना हेतु स्पान, फ्राई, मत्स्य पूरक आहार, जलापूर्ति संसाधन, हापा जाल आदि के क्रय पर अनुदान योजना का जनपद में लाभ लेने हेतु ऑनलाइन आवेदन दिनाँक 07 से 16 फरवरी तक विभागीय बेवसाइट–http://fisheries.upsdc.gov.in पर आमात्रित किये जायेंगे उक्त योजना में ऐसे पट्टा धारक आवेदन कर सकते है जिनके पट्टे की अवधि न्यूनतम 4 वर्ष अवशेष हो योजना हेतु आवेदक को इकाई लागत रू0 4 लाख प्रति हे0 पर 40 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध कराया जायगा। एक आवेदक को योजनान्तगर्त अधिकतम 2 हे0 जलक्षेत्र तक लाभ अनुमन्य है। आवेदन करने की प्रक्रिया, आवेदन के साथ संलग्न किये जाने वाले अभिलेख व विस्तृत विवरण विभागीय बेवसाइट पर देखा जा सकता है। उक्त के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी कार्यालय सहायक निदेशक मत्स्य जालौन स्थान उरई रामकुण्ड पार्क परिसर में एवं निम्न दूरभाष संख्या 9936458820, 8303435184 पर कार्य दिवस में सम्पर्क कर प्राप्त की जा सकती है।
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