गाजियाबाद कमिश्नरेट (आयुक्तालय) की पुलिस नाबालिगों के वाहन चलाए जाने के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मूड में है. दरअसल गाजियाबाद कमिश्नरेट (आयुक्तालय) की पुलिस ने 22 नाबालिगों के चलाए जा रहे दोपहिया वाहनों को जब्त किया है और उनके अभिभावकों के खिलाफ शुक्रवार और शनिवार को विभिन्न थानों में प्राथमिकी दर्ज की है. पुलिस के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी है.
अपर पुलिस उपायुक्त (यातायात) रामानंद कुशवाह ने बताया कि मोटर वाहन (एमवी एक्ट) अधिनियम की धारा 336 के तहत नाबालिग बच्चों के अभिभावकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. उन्होंने कहा कि सड़क हादसों (Road Accident) पर लगाम लगाने के लिए पुलिस कड़ी कार्रवाई करेगी, जिससे इन हादसों में होने वाली मौतों पर अंकुश लगाया जा सके.
सख्त एक्शन के मू़ड में गाजियाबाद पुलिस
कुशवाह ने जानकारी दी कि मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicle Act) की धारा 199 (ए) के तहत 25 हजार रुपए या तीन साल की कैद और वाहन का पंजीकरण रद्द किया जा सकता है. उनका कहना था कि अब मृत्यु दर में वृद्धि को देखते हुए पुलिस ऐसे माता-पिता को कानूनी कार्रवाई से बख्शने के मूड में नहीं है जो अपने नाबालिग बच्चों को दोपहिया और चार पहिया वाहन चलाने के लिए दे रहे हैं. ऐसे अभिभावकों पर अब सख्त कार्रवाई की जाएगी.
डासना में हुई नाबालिग की मौत
पुलिस ने नाबालिग बच्चों से दोपहिया वाहन जब्त करने और उनके अभिभावकों पर कार्रवाई का यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि गुरूवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डासना में 11वीं कक्षा के छात्र आशीष चौधरी जिसकी उम्र 17 साल थी उसकी की मौत हो गई और उसके दोस्त इग्जीत सिंह का पैर टूट गया. दोनों एक निजी स्कूल से स्कूटी से गाजियाबाद जा रहे थे. राहगीरों के बयान के अनुसार नाबालिग छात्र (Minor Student) गलत दिशा में स्कूटी चला रहे थे, जिससे मालवाहक कैंटर से उनकी आमने-सामने की टक्कर हो गई और आशीष की मौत हो गई.
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