बांदा जिले के मुस्लिम बाहुल्य गांव गोयरा मुगली में खसरा की बीमारी फैल जाने से 5 बच्चों की जान चली गई, जबकि जांच के दौरान 60 बच्चे बीमार मिले हैं। इनका स्वैब नमूना जांच के लिए लखनऊ भेजा गया है। इनमें से 20 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, जिनका इलाज मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में चल रहा है।
शहर मुख्यालय से करीब 12 किलोमीटर दूर स्थित गोयरा मुगली गांव मुस्लिम बाहुल्य है। गांव की आबादी लगभग 8 हजार बताई जा रही है। सफाई कर्मी के अभाव में गांव में जगह-जगह गंदगी और जलभराव होने से संक्रामक बीमारी खसरा फैल गई है। लगभग एक माह पहले शुरू हुई बीमारी धीरे-धीरे जानलेवा बन गई है। बीमारी की चपेट में 60 बच्चे आ गए हैं। इनमें से 20 की पाजिटिव रिपोर्ट आने से इनका इलाज मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में चल रहा है। अंधविश्वास और घरेलू इलाज के चलते कई बच्चों की जान खतरे में पड़ गई, जिससे अलीजा (1) पुत्री अकील, रेहान (5) पुत्र रहमत, रीबा (3) पुत्री चांद खान, साबिर (8) पुत्र मत्थू, हसीब (6 माह) पुत्र नसीम की मृत्यु हो गई। जब इन बच्चों की मौत की खबर जिला मुख्यालय पहुंची तो स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। इसके बाद ही स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने गांव में पहुंचकर टीकाकरण शुरू किया। हालांकि, पीएचसी चिकित्सा अधिकारी डॉ. विजय केसरवानी ने गांव में खसरे से 3 बच्चों की मौत स्वीकार की है। इस संबंध में उनका कहना है कि खसरा से निमोनिया की चपेट में आने से इन बच्चों की मौत हुई है।
केजीएमयू जांच के लिए नमूना भेजा गया
इस बारे में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय सैवाल ने बताया कि मौजूदा समय 60 बच्चे बीमार पड़ गए हैं। खसरा की पुष्टि के लिए इनका स्वैब नमूना केजीएमयू लखनऊ भेजा गया है। अब तक सिर्फ 20 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इनकी उम्र 4 से 7 वर्ष है। शेष बच्चों की रिपोर्ट जल्दी भेजने के लिए पत्राचार किया गया है। उनका यह भी कहना है कि महाराष्ट्र में खसरा गंभीर मर्ज के रूप में उभरा है। वहां से यहां आने वालों की वजह से यह बीमारी फैली है।
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