बरेली के नवाबगंज से विधायक रहे पूर्व मंत्री सपा नेता भगवत सरन गंगवार और उनके नौ साथियों ने स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए में बृहस्पतिवार को आत्मसमर्पण कर दिया। कोर्ट ने इन लोगों को 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जिला जेल भेजा है। भगवत सरन पक्ष की जमानत याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होना तय की गई है।
वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव से दो दिन पहले नवाबगंज विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी केसर सिंह गंगवार और सपा विधायक रहे पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार के समर्थकों में विवाद हुआ था। केसर सिंह के समर्थकों ने भगवत सरन समेत कई अन्य के खिलाफ जानलेवा हमले व अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट लगा दी थी। आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी तो कोर्ट ने इस मामले में गैर जमानती वारंट जारी किए। पुलिस ने भगवत सरन समेत अन्य आरोपियों के घर पर नोटिस चस्पा किए पर गिरफ्तारी नहीं कर सकी। गैर जमानती वारंट के बाद भी कोर्ट के आदेश पर पुलिस आरोपियों को नहीं पकड़ सकी।
पूर्व मंत्री की जमानत अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई
कोर्ट ने भगवत सरन गंगवार, वीरपाल, विनोद दिवाकर, योगेंद्र सिंह गंगवार, अनिल गंगवार, पुरुषोत्तम गंगवार, ओमेंद्र सिंह, शेर सिंह गंगवार, तरुण कुमार और सुधीर मिश्रा को फरार घोषित कर दिया था। बृहस्पतिवार को पूर्व मंत्री के साथ इन सभी लोगों ने कोर्ट में आत्म समर्पण कर दिया। कोर्ट ने इन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। पूर्व मंत्री पक्ष की जमानत अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई होगी।
हाई प्रोफाइल मामले में राजनैतिक क्षेत्र के दिग्गजों की कोर्ट में आमद के बाद खासी गहमागहमी रही। कोर्ट में भारी पुलिस फोर्स लगाई गई थी। मीडिया पर भी पाबंदी लगाई गई थी। आरोपियों में शामिल पुरुषोत्तम गंगवार और विनोद दिवाकर ब्लॉक प्रमुख रह चुके हैं। वहीं शेर सिंह गंगवार बार एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष रहे हैं।
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