प्रयागराज के चर्चित उमेश पाल शूटआउट केस में नामजद और गुजरात की साबरमती जेल में बंद माफिया अतीक अहमद को लेकर एक और चौंकाने वाली ख़बर सामने आई है. अतीक अहमद अपना दबदबा दिखाने और किसी भी कीमत पर पैसे कमाने के फेर में इतना महत्वाकांक्षी और मनबढ़ व बेअंदाज़ है कि उसने एक बार कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की करीबी रिश्तेदार की प्रयागराज में स्थित प्रॉपर्टी भी हड़प ली थी. अपने गुर्गों के ज़रिए इस प्रॉपर्टी पर कब्जा कराकर वहां ताला लगवा दिया था. सोनिया गांधी उस वक़्त कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष और यूपीए की चेयर पर्सन थीं. केंद्र में कांग्रेस पार्टी की सरकार थी. सोनिया गांधी के दखल पर जब उस वक़्त के पीएम मनमोहन सिंह का दफ्तर इस मामले में एक्टिव हुआ था, तब जाकर अतीक ने इस प्रॉपर्टी से कब्ज़ा छोड़कर उसे सोनिया गांधी की महिला रिश्तेदार को वापस किया था.
यह मामला साल 2007 में यूपी विधानसभा चुनाव से पहले का है. दरअसल प्रयागराज में सोनिया गांधी की ससुराल से जुड़े कई परिवार रहते हैं. इन्हीं में एक हैं सोनिया गांधी के ससुर फ़िरोज़ गांधी के बहनोई के भतीजे डोसा गांधी की पत्नी वीरा गांधी. प्रयागराज के सिविल लाइंस इलाके के एमजी मार्ग पर स्थित पैलेस थियेटर वीरा गांधी के परिवार का है. पैलेस थियेटर के पीछे की एक बेशकीमती प्रॉपर्टी पारिवारिक बंटवारे में वीरा गांधी के हिस्से में आई थी. इसी जगह तत्कालीन सपा सांसद अतीक अहमद ने एक अस्थाना परिवार से कुछ ज़मीन खरीदी थी. पड़ोस में ही वीरा गांधी की प्रॉपर्टी के बारे में अतीक को जानकारी मिली तो उसने अपने गुर्गों के ज़रिये इस पर जबरन कब्ज़ा करा लिया और ताला जड़वाकर चाबी अपने पास रख ली.
अतीक अहमद उस वक्त था सपा का सांसद
अतीक उस वक़्त समाजवादी पार्टी का सांसद था और सूबे में मुलायम सिंह यादव की सरकार थी, लिहाजा पुलिस और दूसरे सरकारी महकमों ने सोनिया की रिश्तेदार वीरा गांधी की कोई मदद नहीं की. हर तरफ मायूसी मिलने के बाद वीरा गांधी ने सोनिया गांधी से गुहार लगाई. सोनिया ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को जानकारी दी. इस पर मनमोहन सिंह का पीएमओ एक्टिव हो गया और उसने यूपी के बड़े अफसरों को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया. सोनिया के कहने पर प्रयागराज की रहने वाली कांग्रेस पार्टी की तत्कालीन प्रभावशाली नेत्री रीता बहुगुणा जोशी ने भी इस बारे में अतीक अहमद से बात की थी. उन्हें सोनिया और मनमोहन सिंह के दफ्तर की नाराज़गी के बारे में बताते हुए कब्ज़ा छोड़ने को कहा था. अतीक को जब यह लगा कि मामला बिगड़ चुका है और बात दूर तक जा चुकी है तो उसने अपने गुर्गों को हटाकर कब्ज़ा छोड़ दिया और चाबी वापस भेज दी थी. हालांकि अतीक द्वारा चाबी वापस कर दिए जाने से सोनिया की रिश्तेदार ने पुलिस में केस दर्ज नहीं कराया. उस वक़्त यह मामला खूब सुर्ख़ियों में था.
अपना दबदबा दिखाने के लिए कब्जाई थी जमीन?
अतीक अहमद द्वारा प्रॉपर्टी कब्ज़ा किए जाने के बाद सोनिया की रिश्तेदार वीरा गांधी ने प्रयागराज की अपनी कई सम्पत्तियां बेच दी थीं और कुछ दिनों बाद ही वह प्रयागराज छोड़कर मुंबई शिफ्ट हो गईं थीं. अब वह पूरे वक़्त मुंबई में ही रहती हैं और कभी-कभार ही प्रयागराज आती हैं. अतीक ने वीरा गांधी की प्रॉपर्टी के नजदीक अस्थाना परिवार से जो ज़मीन ली थी, उस पर शॉपिंग काम्प्लेक्स बनवाया था. कहा जा सकता है कि अतीक ने जानबूझकर प्रॉपर्टी कब्ज़ा की थी, ताकि यह संदेश जा सके कि वह प्रभावशाली और असरदार लोगों के साथ भी मनमानी कर सकता है
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