यंग भारत ब्यूरो
भारत के भगोड़े व्यवसायी विजय माल्या पर केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने चौंकाने वाला दावा किया है. सीबीआई ने कोर्ट को बताया, माल्या ने 2015-16 के दौरान इंग्लैंड और फ्रांस में 330 करोड़ रुपये की संपत्तियां खरीदी थी जबकि उनकी किंगफिशर एयरलाइंस उसी समय नकदी की कमी का सामना कर रही थी.
सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में कहा, यह ठीक वही समय है जब बैंकों ने शराब कारोबारी के चुकाए गए कर्ज की वसूली नहीं की थी. माल्या पर 900 करोड़ रुपये से अधिक के आईडीबीआई बैंक-किंगफिशर एयरलाइंस ऋण धोखाधड़ी मामले में आरोपी हैं, इसकी जांच सीबीआई कर रही है. जांच एजेंसी ने अपनी पूरक चार्जशीट में 11 अभियुक्तों को नामजद किया है और उसमें बुद्धदेव दासगुप्ता का नाम भी जोड़ा है.
दासगुप्ता ने माल्या के साथ मिलकर रची साजिश
सीबीआई के मुताबिक दासगुप्ता ने अक्टूबर 2009 में 150 करोड़ रुपये के एसटीएल की मंजूरी और वितरण के मामले में कथित रूप से अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और आईडीबीआई बैंक और विजय माल्या के अधिकारियों के साथ मिलकर साजिश रची.
माल्या के वकील ने खुद को केस से क्यों अलग किया?
प्रत्यर्पण का सामना कर रहे व्यवसायी विजय माल्या के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, वह लंबे समय से उनसे बातचीत नहीं कर रहा है. उन्होंने अदालत से दरख्वास्त करते हुए कहा उनको इस मामले में माल्या का प्रतिनिधित्व करने से उनको मुक्त कर दिया जाए.
जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ और हिमा कोहली ने वकील से कोर्ट की रजिस्ट्री को माल्या का ईमेल और यूके में रहने का पता देने को कहा. वकील ने कहा कि वह माल्या के इस मामले से मुक्त होना चाहते है, क्योंकि उन्हें माल्या की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है.
कोर्ट ने माल्या पर लगाया जुर्माना
पीठ ने कहा कि माल्या को अपने आचरण के लिए कभी कोई पछतावा नहीं है. उसने कोई माफी नहीं मांगी. कोर्ट ने उस पर चार महीने की सजा और 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया. इसमें कहा गया है कि अगर तय समय के भीतर जुर्माने की राशि जमा नहीं की जाती है, तो माल्या को दो महीने की और सजा भुगतनी होगी.
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