नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. सूरत जिला अदालत ने राहुल गांधी को उनकी कथित ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी को लेकर दायर आपराधिक मानहानि मामले में दो साल कैद की सजा सुनाई. यह मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत दर्ज किया गया था. अब राहुल गांधी को दोषसिद्धि को निलंबित कराने के लिए बड़ी अदालत जाना होगा. इसके लिए राहुल गांधी के पास एक महीने का समय है. अगर राहुल गांधी को उच्च अदालत से राहत नहीं मिलती है, तो कांग्रेस नेता की मुश्किलें बढ़ जाएंगी.
भाजपा को मिला कांग्रेस को घेरने का एक और मौका…
राहुल गांधी इन दिनों लंदन में दिए गए बयान को लेकर विवादों में हैं. भाजपा इस बयान को लेकर संसद से सड़क तक कांग्रेस को घेरने में जुटी हुई है. भाजपा का कहना है कि राहुल गांधी ने विदेशी धरती पर देश का अपमान किया है, इसलिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए. इस बीच सूरत की जिला अदालत से कथित ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी को लेकर दायर आपराधिक मानहानि मामले में दो साल कैद की सजा ने भाजपा को कांग्रेस पर हमलावर होने का एक और मौका दे दिया है. वहीं, कांग्रेस अब बैकफुट पर है.
राहुल गांधी की संसद सदस्यता पर लटकी तलवार
सांसद राहुल गांधी को सूरत जिला अदालत ने उनकी कथित ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी को लेकर दायर आपराधिक मानहानि मामले में दो साल कैद की सजा सुनाई. हालांकि, बाद में राहुल गांधी को कोर्ट से जमानत मिल गई, लेकिन अब उनकी संसद सदस्यता पर तलवार लटक गई है. दरअसल, आपराधिक केस में दो साल या ज्यादा की सजा पर संसद की सदस्यता रद्द हो सकती है. आरपीए एक्ट (RPA Act) में यह प्रावधान है. इसके मुताबिक, भ्रष्टाचार और एनडीपीएस में दोषी करार देना ही काफी है.
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