यंग भारत ब्यूरो
पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू जेल से रिहा हो गए हैं। सिद्धू 317 दिन बाद पटियाला सेंट्रल जेल से बाहर आए हैं। उन्हें 1988 में पटियाला में हुए रोडरेज केस में एक साल कैद की सजा हुई थी। 19 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सजा सुनाई थी। सिद्धू जब जेल से बाहर आए तो मुठ्ठी बांधकर और सलाम कर अपने समर्थकों का अभिवादन किया। उन्होंने राहुल गांधी को क्रांतिकारी बताया। साथ ही पंजाब के CM भगवंत मान को अखबारी CM कहा। सिद्धू ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार कानून-व्यवस्था के बहाने पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगाना चाहती है।
1. राहुल की लोकसभा सदस्यता रद्द करने पर
सिद्धू ने राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द करने पर कहा- लोकतंत्र आज बेड़ियों में है। संस्थाएं गुलाम हैं। जब भी इस देश में तानाशाही आई तो एक क्रांति भी आई है। राहुल गांधी क्रांति हैं जो केंद्र सरकार की जड़ें हिलाकर रख देगा। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के पूर्वजों ने देश को आजाद कराया है।
2. पंजाब के ताजा हालात और CM मान पर
सिद्धू ने पंजाब के ताजा हालात को लेकर पंजाब के CM भगवंत मान और केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा- भगवंत मान ने पंजाब में सपने और झूठ बेचा। पंजाबियों को मूर्ख बनाया। आज वह अखबारी मुख्यमंत्री बनकर बैठ गया है। मेरी सिक्योरिटी विड्रॉ करने की बात की। एक सिद्धू मरवा दिया, 2 और मरवा दो, मैं डरता नहीं हूं। बरगाड़ी बेअदबी पर मैंने कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाया, उसके इंसाफ का क्या हुआ?। रेत और शराब से 60 हजार करोड़ की कमाई कहां गई?।
3. केंद्र सरकार राष्ट्रपति शासन की साजिश कर रही है
सिद्धू ने पंजाब के हालात को लेकर केंद्र सरकार को घेरा। उन्होंने कहा- पंजाब इस देश की ढाल है, उसे तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगाने की साजिश की जा रही है। जहां-जहां अल्पसंख्यक बहुमत में हैं, केंद्र की सरकार साजिश करती है। पहले लॉ एंड ऑर्डर की प्रॉब्लम क्रिएट की जाती है, फिर उसे दबाने के प्रयास में कहा जाता है कि हमने शांत कर दिया। सिद्धू ने पंजाब में BSF का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने को लेकर भी सवाल उठाते हुए पंजाब CM से पूछा कि यह क्या डील है?।
4. अमृतपाल और मूसेवाला पर भी बोले
सिद्धू से अमृतपाल के बारे में पूछा गया तो उन्होंने सीधे कुछ न कहते हुए इसे पंजाब के लॉ एंड ऑर्डर से जोड़ा। सिद्धू ने कहा कि पिछले साल कत्ल किए गए पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के घर जाकर इस पर बोलेंगे। बता दें कि सिद्धू पिछले साल 22 मई को जेल में गए थे जबकि मूसेवाला का 29 मई को मर्डर हुआ था। तब भी यह मुद्दा उठा कि AAP सरकार ने उनकी सिक्योरिटी लीक की, जिसके बाद मूसेवाला का कत्ल हुआ। इसके बाद भी पंजाब सरकार लॉ एंड ऑर्डर के मुद्दे पर घिरी रही। सिद्धू ने तब से इस कत्ल पर कुछ नहीं कहा है। ऐसे में अमृतपाल मुद्दे को भी पंजाब के लॉ एंड ऑर्डर से जोड़कर वह पंजाब की AAP सरकार को घेरेंगे।
5. पत्नी को कैंसर, लेकिन मैं हर कांग्रेसी के साथ खड़ा हूं
सिद्धू ने कहा कि पंजाब को कमजोर करोगे तो खुद कमजोर हो जाओगे। सिद्धू अपने परिवार के लिए नहीं लड़ रहा। सिद्धू ने कहा कि मेरी पत्नी कैंसर से पीड़ित है। मगर मेरे लिए राष्ट्रधर्म से बड़ा कुछ नहीं है। सिद्धू ने कहा कि इस मुसीबत के समय मैं चट्टान की तरह हर कांग्रेसी के साथ खड़ा हूं।
रिहाई में होती रही देरी
इससे पहले सिद्धू की रिहाई में देरी होती रही। पहले उनकी रिहाई सुबह 11 बजे और फिर 3 बजे कही गई लेकिन वह अब करीब 6 बजे रिहा हो रहे हैं। उनके बेटे करण सिद्धू ने आरोप लगाया था कि कागजी कार्रवाई के नाम पर उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है। सुबह से कई बार एक घंटे में रिहाई की बात कही जा चुकी है।
समर्थकों की भीड़ ज्यादा होने की वजह से रिहाई में देरी की जा रही है। पूर्व विधायक नवतेज चीमा ने कहा कि राज्य सरकार जानबूझ कर उन्हें रिलीज करने में देरी कर रही है। पटियाला पहुंचे नेशनल कांग्रेस के पूर्व स्पोक्सपर्सन गौतम सेठ ने बताया कि कांग्रेस नेता के सी वेणुगोपाल ने राज्य स्तरीय कार्यक्रमों को आज रद्द करने के लिए कहा है। उन्होंने सभी कांग्रेसी नेताओं को नवजोत सिंह सिद्धू के स्वागत में पटियाला जेल पहुंचने के आदेश दिए हैं।
सजा के दौरान कोई छुट्टी न लेने का नवजोत सिंह सिद्धू को यह बेनिफिट मिल रहा है और वह 19 मई से 48 दिन पहले रिहा हो रहे हैं। सिद्धू के ट्विटर पेज पर शुक्रवार को इसकी जानकारी दी गई। ट्वीट में लिखा था कि वरिष्ठ अधिकारियों ने रिहाई की सूचना दी है।
नवजोत सिंह सिद्धू को रिसीव करने के लिए इस बार कोई बड़ा ताम-झाम आयोजित नहीं किया जा रहा। वहीं पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने भी उन्हें रिसीव करने के लिए जाने से मना कर दिया है। वड़िंग ने नवजोत सिंह सिद्धू का ट्विटर पर स्वागत करते हुए लिखा- वेलकम, सरदार नवजोत सिंह सिद्धू जी… जैसे ही आप सभी पंजाबियों की सेवा में सार्वजनिक जीवन फिर से शुरू करेंगे, आपसे जल्द मिलने की उम्मीद है। हालांकि सिद्धू के समर्थक उनके ग्रैंड वेलकम की तैयारी में हैं।
सिद्धू की रिहाई से पहले खटास
रिहाई से पहले पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने नवजोत सिंह सिद्धू के करीबी पर एक्शन ले लिया है। अमृतसर ईस्ट में न्यू अमृतसर ब्लॉक प्रधान नवतेज सिंह सुल्तानविंड को हटा दिया है। जनरल सेक्रेटरी कैप्टन संदीप सिंह संधू की तरफ से भेजे लैटर में साफ लिखा है कि प्रधान राजा वडिंग के निर्देशों पर यह कदम उठाया गया है। नवतेज सुल्तानविंड पार्टी के आयोजित कार्यक्रमों में गैर-हाजिर रह रहे थे।
काली माता मंदिर व दुख निवारण गुरुद्वारे में टेकेंगे माथा
नवजोत सिंह सिद्धू जेल से रिहा होने के बाद सीधा काली माता मंदिर और दुख निवारण गुरुद्वारा में माथा टेकने पहुंचेंगे। यहां से वह सीधा घर पहुंचेंगे, जहां वह कुछ समय अपनी पत्नी डॉ. नवजोत सिंह सिद्धू के साथ रहेंगे।
गौरतलब है कि डॉ. नवजोत कौर सिद्धू कैंसर से पीड़ित थी। वह कैंसर स्टेज-2 पर थी। डेरा बस्सी के ही एक प्राइवेट अस्पताल में उनका ऑपरेशन हुआ। जहां से उन्हें बुधवार को ही छुट्टी दी गई है। अभी वह पटियाला स्थित घर में ही हैं और पूरी तरह से बैड रेस्ट पर हैं। नवजोत सिंह सिद्धू रिहा होने के बाद उनके पास ही सीधा पहुंचेंगे।
एडवोकेट बेटे बोले- पापा की वापसी जोरदार होती है
नवजोत सिंह सिद्धू के बेटे एडवोकेट करण सिद्धू ने कहा कि वह, उनकी मां डॉक्टर नवजोत कौर और उनकी बहन राबिया सिद्धू सभी लोग पटियाला स्थित अपने घर पर ही पिता के आने का इंतजार करेंगे।सभी लोग एक साथ बैठकर खाना खाना चाहते हैं, क्योंकि उनके पापा करीब 1 साल बाद उनके साथ होंगे।
जेल से रिहा होने के बाद सियासत में भूमिका को लेकर पूछे गए सवाल पर करण सिद्धू ने कहा कि जब भी पापा नीचे से ऊपर आते हैं, तो हमेशा उनकी वापसी बड़ी जोरदार होती है। एक्टिव सियासत में वह अपनी सेहत पर ध्यान नहीं रख पाए थे, इसलिए उन्होंने इस एक साल में जेल में सबसे ज्यादा अपनी सेहत पर ध्यान दिया।
उन्होंने अपना भार घटाया है। मेडिटेशन की है। उन्हें काफी कुछ सोचने का समय मिला है, इसलिए बाहर आकर वह क्या रुख अपनाते हैं, यह तो उनके बाहर आने के बाद ही पता चलेगा।
क्या है सिद्धू का रोड रेज केस?
1988 में पंजाब के पटियाला में गाड़ी पार्किंग को लेकर 65 वर्षीय गुरनाम सिंह से सिद्धू का विवाद हो गया था। इस विवाद में सिद्धू ने गुरनाम सिंह पर घूंसे बरसाए थे, जिससे बाद गुरनाम की मौत हो गई थी। मृतक गुरनाम सिंह के परिजनों ने 2010 में एक चैनल के शो में सिद्धू द्वारा गुरनाम को मारने की बात स्वीकार करने की सीडी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी।