ललितपुर/तालबेहट। बुंदेलखंड में पर्यटन की संभावनाओं के मद्देनजर मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने शनिवार को माताटीला बांध से लेकर देवगढ़ जैन मंदिर तक मौका-मुआयना किया। उन्होंने माताटीला बांध के मध्य में बने टापुओं को पर्यटन की दृष्टि से विकसित कराने पर विचार विमर्श किया। लेकिन, पांच घंटे तक यहां रुके मुख्य सचिव को अधिकारियों ने सड़कों पर न तो एक भी अन्ना जानवर दिखने दिया और न ही पिछड़े ललितपुर की उस दुर्दशा से अवगत कराया जिससे ललितपुर वाले सालों से जूझ रहे हैं।
मुख्य सचिव शनिवार को करीब दो बजे माताटीला पहुंचने के बाद देवगढ़, कल्याणपुरा गए। पांच घंटे तक उन्होंने कई स्थलों को देखा और पर्यटन स्थलों का खाका खींच गए। पहले से सारी तैयारी कर चुके प्रशासनिक अमले ने मुख्य सचिव को सब अच्छा-अच्छा दिखाया। और तो और उन्हें उस कल्याणपुरा गोशाला में ले जाया गया जहां पहले से सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त थीं। जबकि कई गोशालाओं में अव्यवस्थाओं का अंबार लगा है। बार ब्लाक में एक गोशाला में जानवर तक मरे मिल चुके हैं।
जनपद के दौरे पर मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा के आने से पूर्व ही अधिकारी संभावित स्थानों पर दिन-रात व्यवस्थाएं ठीक कराने में जुटे थे। रास्ते में सड़कों पर गोवंश न दिखे, इसके लिए अधिकारियों से लेकर कर्मचारी तक सड़कों पर मौजूद रहे और सड़कों पर आने वाले अन्ना गोवंशों को वहां से हटाते रहे। इस प्रकार से मुख्य सचिव को अधिकारी जनपद में सभी व्यवस्थाएं सही और सुचारू हैं यह दिखाने में काफी हद तक सफल रहे।
मुख्य सचिव करीब चार बजे कल्याणपुरा स्थित गोशाला पहुंचे तो जहां सारे इंतजाम दुरुस्त मिले। उन्होंने गाय के चारे से लेकर उनके स्वास्थ्य संबंधी जानकारी डीएम से ली। यहां करीब 20 मिनट रुकने के बाद उनका काफिला देवगढ़ के लिए रवाना हो गया। इस मौके पर मंडलायुक्त डॉ.आदर्श सिंह, जिलाधिकारी आलोक सिंह, उपजिलाधिकारी संजय कुमार पांडेय सहित जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।
मुख्य सचिव को भारतगढ़ दुर्ग के बारे में नहीं बता पाया पर्यटन विभाग और अधिकारी
बुंदेलखंड में पर्यटन की संभावनाओं के मद्देनजर मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने शनिवार को माताटीला बांध से लेकर देवगढ़ जैन मंदिर तक मौके पर जाकर देखा। उन्होंने माताटीला बांध के मध्य में बने टापुओं को पर्यटन की दृष्टि से विकसित कराने पर विचार विमर्श किया। मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र दोपहर करीब दो बजे माताटीला पहुंचे थे। दोपहर करीब पौने तीन बजे मुख्य सचिव भारतगढ़ दुर्ग आए और मानसरोवर झील को देखा। उन्होंने दुर्ग के बारे में पर्यटन विभाग के अधिकारियों सहित अन्य अधिकारियों से जानकारी ली तो कोई भी अधिकारी उन्हें दुर्ग के बारे में कोई जानकारी नहीं दे सका। मौके पर मौजूद नगर के लोगों ने उन्हें दुर्ग के इतिहास के बारे में जानकारी दी। करीब 20 मिनट रुकने के बाद मुख्य सचिव हजारिया महादेव मंदिर पहुंचे और भोलेनाथ के दर्शन करने के बाद बिरधा ब्लॉक क्षेत्र में स्थित कल्याणपुरा गोशाला को देखने के लिए रवाना हो गए।
दूधई और चंदनवन जाने का कार्यक्रम निरस्त कर दिया, जाते तो दिखती हकीकत
शाम करीब पांच बजे वह दशावतार मंदिर देखने पहुंचे और प्राचीन मूर्ति के बारे में जानकारी लेने के बाद कुछ दूरी पर स्थित देवगढ़ के जैन मंदिर पहुंचे और वहां के इतिहास व प्राचीन मूर्तियों के संबंध में जानकारी ली। शाम करीब छह बजे उनका काफिला वापस चला तो रास्ते में पुरातत्व विभाग की लाइब्रेरी में कुछ देर रुके और जिला स्तरीय अफसरों से वार्ता के बाद में आगे पाली क्षेत्र के दूधई व बार ब्लॉक के चंदनवन जाने का कार्यक्रम निरस्त करते हुए करीब पौने सात बजे झांसी के लिए रवाना हो गए। लेकिन, माना जा रहा है कि मुख्य सचिव बार ब्लॉक क्षेत्र के चंदनवन जाते तो वहां के विकास की हकीकत देखने को मिल सकती थी। इस वन के अधिकांश चंदन के पेड़ चोरी हो गए हैं जिसका खुलासा अब तक नहीं हो सका।
22 जुलाई को मनाया जाएगा भारतगढ़ महोत्सव
तालबेहट में क्रांतिकारी महाराजा मर्दन सिंह के बलिदान दिवस 22 जुलाई पर उनकी पुण्यतिथि पर प्रतिवर्ष भारतगढ़ महोत्सव मनाने की मुख्य सचिव ने घोषणा की।
फरियादी भी रहे मायूस
तालबेहट। मुख्य सचिव के आगमन की जानकारी के बाद जहां फरियादी अपनी समस्या से अवगत कराने के लिए सुबह से इंतजार करते रहे। वहीं, प्रशासन ने इतनी सख्ती दिखाई कि फरियादी तो दूर उस गली में निवास करने वालों को भी आने जाने में परेशान होना पड़ा।
कई लोगों ने दिए ज्ञापन
तालबेहट। राजेंद्र शर्मा स्वदेशी ने एक ज्ञापन देकर माताटीला में जीव संरक्षण केंद्र बनाए जाने और मुक्ता सोनी ने बाहर कोट हजारिया से दुर्ग के लिए सीधा रास्ता बनाए जाने की मांग रखी। इस मौके पर इतिहासकार श्रवण कुमार त्रिपाठी के पुत्र राजेश त्रिपाठी ने अपने पिता द्वारा दुर्ग पर लिखी गईं पुस्तकें एवं रामसेवक पाठक ने अपनी स्वरचित पुस्तकें मुख्य सचिव को भेंट की।