उरई(जालौन)। बहुजन समाज पार्टी की निकाय चुनाव में प्रत्याशियों के चुनाव में जाटव समाज को अनदेखा करना कही भारी न पड़ जाये। जनपद जालौन में 6 नगर पंचायत व 5 नगर पालिकाओं के आरक्षण में एक भी प्रत्याशी बसपा ने जाटव समाज को नही दिया। जिसको लेकर जाटव समाज अपने साथ हुए धोखे को हजम नहीं कर पा रहा हैं। जनपद में तीन सीटे आरक्षित वर्ग को दी गई। जिसमें कही भी जाटव समाज को वरीयता नहीं दी गई। रामपुरा में बसपा से जाटव समाज से एक प्रत्याशी द्वारा अपनी दावेदारी मजबूती से पेश की थी। जिसके साथ मुश्लिम समाज पूरी तरह से सपोर्ट में आने को तैयार था। आकड़ो के हिसाब से लगभग 11 हजार की वोटिंग का अस्तित्व रखने वाली नगर पंचायत रामपुरा में 2450 मतदाता अनुसूचित जाति तथा 1600 मतदाता मुस्लिम समुदाय का हैं। पूर्व के नगर पंचायत के चुनाव में जाटव समाज ने अपना समर्थन दोहरे समाज को देकर चुनाव जिता चुके है। टिकट न मिलने पर जाटव समाज ने बसपा के टिकट वितरण की घोषणा होने के बाद बैठक कर बसपा के विरोध में जाने के लिए लामबंद हो गया। जिसका फायदा अन्य दलों को भी मिल सकता हैं। रामपुरा में दोहरे समाज पर सपा व बसपा दोनों दलों ने भरोसा जताते हुए प्रत्याशियों की घोषणा कर दी हैं। जब से बहुजन समाज पार्टी का गठन हुआ है तब से आज तक जनपद जालौन में जाटव समाज की किसी प्रकार की भागीदारी नहीं दी गई है चाहे लोकसभा का चुनाव हो चाहे विधानसभा का चुनाव हो चाहे जिला पंचायत का चुनाव चाहे नगर पालिका का चुनाव और तो और संगठन में भी विधानसभा स्तर से लेकर जिला स्तर तक कभी भी जाटव समाज को नेतृत्व करने का मौका नहीं दिया गया है खासतौर से अहिरवार समाज एवं दोहरे समाज को भागीदारी दी गई है एवं नेतृत्व दिया गया है जबकि जनपद जालौन में जाटव समाज का 70000 वोट है इसका उदाहरण है की जाटव समाज ने अपने बलबूते पर मलखान सिंह जी को एक बार विधायक बनाया एवं जालौर नगर पालिका से दो बार जाटव समाज का चेयरमैन रहा है. जाटव समाज का बहुजन समाज पार्टी में हमेशा तिरस्कार किया गया है अहिरवार समाज जाटव समाज को कभी आगे नहीं बढ़ने देता है।
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