यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नो कर्फ्यू नो दंगा, यूपी में सब चंगा. रंगदारी ना फिरौती, अब यूपी नहीं है किसी की बपौती. माफिया-अपराधी हो गये अतीत, यूपी बना है सुरक्षा-खुशहाली और रोजगार का प्रतीक. यूपी अब कर्फ्यू के लिए नहीं, कांवड़ यात्रा के लिए पहचाना जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को सहारनपुर के जनता रोड स्थित महाराज सिंह डिग्री कॉलेज मैदान में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं.
सहारनपुर से पहली जनसभा के साथ मुख्यमंत्री के नेतृत्व में भाजपा ने नगर निकाय चुनावों में जीत के लिए जोरदार अभियान शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि हमारी पहचान अब उपद्रव की नहीं, उत्सवों की है. यह प्रदेश माफिया नहीं, महोत्सव का प्रदेश बन चुका है. ये हमें तय करना है कि हमारे शहरों में शोहदों का आतंक हो या हम इसे सेफ सिटी बनाएंगे. हम अपने युवाओं के हाथों में तमंचा देखना चाहते हैं या टैबलेट और स्मार्टफोन. उन्होंने यूपी के नगरों में भाजपा सरकार की ओर से किए गये कार्यों को एक एक कर गिनाया. उन्होंने कहा कि आज मैंने मां शाकंभरी और माता बालासुंदरी के आशीर्वाद से सहारनपुर से अपने चुनावी अभियान की शुरूआत की है. हमने बिना भेदभाव, बिना जाति, मत-मजहब देखे, सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के साथ शासन की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाया है. सहारनपुर से महापौर पद के लिए सुयोग्य चिकित्सक को हम आपके बीच लेकर आए हैं, जो यहां की सभी बीमारियों का उपचार करेंगे. माफिया के उपचार के लिए हमारी पुलिस ही काफी है.
2017 से पहले सरकारों को दंगा कराने से ही फुर्सत नहीं थी- योगी
योगी ने कहा कि यूपी का ये सीमांत जनपद अपनी समृद्ध ऐतिहासिक विरासत के लिए जाना जाता है. बुनियादी सुविधाओं से भी सहारनपुर को वंचित रखा गया था. लखनऊ तो दूर, दिल्ली तक जाने में भी यहां से 7 से 8 घंटे लग जाते थे. आज दिल्ली की दूरी 3 घंटे में पूरी हो रही है. इस साल के अंत तक दिल्ली सहारनपुर, देहरादून एक्सप्रेसवे का काम पूरा कर दिया जाएगा. पहले युवाओं को डिग्री के लिए मेरठ जाना होता था. अब मां शाकंभरी के नाम पर विश्वविद्यालय की स्थापना होने जा रही है.
मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि 2017 से पहले सरकारों को दंगा कराने से ही फुर्सत नहीं थी. यहां पर गुरुद्वारे से जुड़े मामले में दंगा कराते हुए सिख भाइयों पर हमले कराए गये थे. आज सहारनपुर तो क्या पूरे यूपी में कहीं कर्फ्यू नहीं लगता है. पहले शोहदों का आतंक था. लोग अपनी बेटियों को पढ़ने के लिए घर से दूर नहीं भेजते थे. आज यूपी में भयमुक्त वातावरण स्थापित हुआ है. जो लोग केवल जातिवाद की बात करते थे, उन्होंने अपनी ही जाति का सबसे ज्यादा शोषण किया.