कालपी| अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व करने वाली वीरांगना लक्ष्मीबाई रानी झांसी ने अंग्रेजों से युद्ध के पूर्व कॉल पीके किले में पर ही अहम बैठक की थी| इसलिए कर्नलगंज चौराहे का नाम वीरांगना लक्ष्मीबाई किया जाना चाहिए| यह बात शिक्षक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष लाल सिंह चौहान एवं वरिष्ठ नेता हरिशंकर याज्ञिक ने कही| श्री चौहान और श्री याज्ञिक ने कहा की वर्ष 1857 में अंग्रेज हुकूमत के खिलाफ संघर्ष की अगुवाई वीरांगना लक्ष्मीबाई ने यही कालपी देखी थी युद्ध के पहले बैठक यमुना किनारे बने इस किला मैं हुई थी| जिसमें नाना साहब तात्या टोपे बांदा के नवाब अनेक राज्यों के राजाओं और नवाबों वीर योद्धाओं ने इस महत्वपूर्ण बैठक में से जारी की | थी यही युद्ध की रणनीति बनी थी| यहीं पर मराठों कोषागार भी स्थापित किया गया था | श्री चौहान ने कहा जल रही शिक्षक कर्मचारी संघ के पदाधिकारी कर्मचारी शिक्षक एक प्रतिनिधिमंडल लेकर जिलाधिकारी चांदनी से मिलेंगे और उनसे मांग करेंगे कितने ऐतिहासिक स्थल कालपी में कर्नलगंज चौराहे का नाम वीरांगना लक्ष्मीबाई के नाम पर किया जाए जिससे देश और विदेश के आने वाले पर्यटक अंग्रेजो के खिलाफ प्रथम महा संग्राम का नेतृत्व करने वाली वीरांगना लक्ष्मीबाई औरउनके इतिहास और शौर्य से लोग परिचित हो सके |