लखनऊ के लोकभवन में मंगलवार शाम यूपी कैबिनेट की बैठक हुई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना और नंद गोपाल गुप्ता नंदी समेत कई मंत्री बैठक में शामिल हुए। सीएम ने बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में 20 अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
मंत्री अरविंद शर्मा और जयवीर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कैबिनेट में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। बताया कि राज्य योजना आयोग के पुनर्गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। 1972 के योजना आयोग के गठन को पुनर्गठन के लिए राज्य सरकार ने प्रस्ताव पास किया है। यह आयोग अब स्टेट ट्रांसफॉर्मेशन कमीशन के रूप में जाना जाएगा।
मुख्यमंत्री होंगे राज्य योजना आयोग के अध्यक्ष
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि राज्य योजना आयोग के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे। यह कमीशन नीतियों को बनाने में थिंक टैंक के रूप में काम करेगा। इसके अलावा वित्त मंत्री, दोनों उपमुख्यमंत्री, कृषि, समाज कल्याण, पंचायती राज्य मंत्री, औद्योगिक विकास मंत्री, जनशक्ति मंत्री, नगर विकास मंत्री, नियोजन विभाग के मंत्री पदेन सदस्य होंगे। उपाध्यक्ष के पद पर किसी आर्थिक जानकार वित्त क्षेत्र से संबंधित विषय विशेषज्ञ रखे जाएंगे। उनकी नियुक्ति मुख्यमंत्री करेंगे।
मुख्य सचिव, कृषि उत्पादन आयुक्त, समाज कल्याण आयुक्त, अपर मुख्य सचिव आदि भी इसमें होंगे। नीति आयोग की तरह नया कमीशन काम करेगा। जिस तरह नीति आयोग थिंक टैंक के रूप में कार्य करते हुए अलग-अलग क्षेत्र के विशेषज्ञों से संवाद करता है और उनकी राय लेकर कार्य करता है, उसी तरह यह कमीशन करेगा। कमीशन तय करेगा कि क्या नई नीतियां होनी चाहिए। वर्तमान नीतियों में क्या परिवर्तन किया जाना चाहिए, इस पर पूरी संरचना और अन्य कार्य भी कमीशन करेगा।
ऊर्जा और एमएसएमई की नई नीति समेत 20 प्रस्तावों पर मुहर
योगी कैबिनेट ने जैव ऊर्जा नीति 2022 को मंजूरी दे दी है। सरकार पांच साल तक इस नीति के तहत सब्सिडी देगी। इसके साथ ही MSME नीति को भी मंजूर कर लिया गया है। कैबिनेट ने मुजफ्फरनगर और गोंडा की कटरा बाजार नगर पालिका परिषद के सीमा विस्तार को भी हरी झंडी दे दी है। सरकार सभी जिलों में बायो फ्यूल प्लांट लगाने के लिये आवेदन मांगेगी। 30 साल के लिए एक रुपए की लीज पर जमीन दी जाएगी। स्टाम्प शुल्क में 100% सब्सिडी दी जाएगी।
पराली जलाने की समस्या का समाधान होगा
ऊर्जा विभाग के अंतर्गत जैव ऊर्जा के संबंध में एक विभागीय प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। इसके अंतर्गत पराली जलाने अर्बन समस्या का समाधान होगा। वायु प्रदूषण में भी कमी आएगी। जैव अपशिष्ट का निस्तारण वैज्ञानिक विधि से हो सकेगा। इसके तहत 5 वर्ष में होने वाली जैव ऊर्जा परियोजना के अंतर्गत बायोगैस बायोकॉन बायोडाटा भारत सरकार की उत्पादन योजना पर इंसेंटिव दिया जाएगा।
वहीं, MSME नीति के तहत ग्राम सभाओं की जमीन लेकर MSME यूनिट लगेंगी। एक्सप्रेस वे के पांच किलोमीटर में 5 एकड़ जमीन पर MSME क्लस्टर बनेगा।
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