उरई (जालौन)। गौशाला कदौरा की लगातार शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय पर उपजिलाधिकारी कालपी द्वारा जांच करायी गयी। उपजिलाधिकारी कालपी द्वारा साक्ष्यों के आधार पर की गयी विवेचना में गौशाला हेतु स्थानीय कृषकों से क्रय किये गये भूसा व हरा चारा की धनराशि सीधे आपूर्ति-कर्ता के खाते में अन्तरित न करके निकाय के कर्मचारियों के खाते में अन्तरण कर वित्तीय अनियमित्ता किया जाना परिलक्षित है जिसके लिये अमीर आलम, तत्कालीन अध्यक्ष नगर पंचायत कदौरा पवन किशोर, तत्कालीन अधिशाषी अधिकारी नगर पंचायत कदौरा राधा बल्लभ चतुर्वेदी, सम्बद्ध लिपिक नगर पंचायत कदौरा तथा भरत सिंह गौशाला प्रभारी/स्थायी सफाईकर्मी नगर पंचायत कदौरा प्रथम दृष्टया उत्तरदायी प्रतीत होते हैं। जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने उक्त प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुये राज्य वित्त निधि से प्राप्त धनराशि के अंश 02 लाख 29 हजार 209 रूपये को निकाय से कर्मी भरत सिंह के खाते में तत्कालीन अधिशाषी अधिकारी एवं अध्यक्ष नगर पंचायत कदौरा की अनुमति प्राप्त कर पीएफएमएस प्रणाली के माध्यम से अन्तरित किया जाना प्रमाणित पाया गया। उक्त गम्भीर वित्तीय अनियमित्ता के दृष्टिगत प्रकरण में संलिप्त सभी संबंधित के विरूद्ध प्रभागीय कार्यवाही हेतु शासन को कार्यवाही हेतु पत्र प्रेषित किया गया।
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