आगामी नगरीय निकाय चुनाव को लोकसभा चुनाव 2024 का सेमीफाइनल मानकर भाजपा पूरी ताकत से मैदान में उतरेगी। पार्टी के नगर निकाय चुनाव प्रभारियों, सह प्रभारियों और चुनाव संयोजकों को वार्ड से लेकर चेयरमैन और महापौर चुनाव के लिए जमीन तैयार कर कमल खिलाने का रोडमैप शनिवार को सौंपा गया। पार्टी मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान से लेकर बूथ प्रबंधन में पूरी ताकत झोंकेगी।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले निकाय चुनाव सबसे बड़ा चुनाव है। इसके नतीजों से जनता में संदेश जाएगा। लिहाजा इसमें वार्ड से लेकर निकाय प्रमुख के पदों पर जीत हासिल करनी है। उन्हाेंने कहा कि निकाय चुनाव समय पर (नवंबर-दिसंबर) ही कराए जाएंगे। यह चुनाव पार्टी के लिए कितना महत्वपूर्ण है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सरकार के दोनों उप मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्रियों के साथ पूर्व प्रदेश अध्यक्षों को भी एक-एक निकाय की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सभी को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जिलों और बूथों तक जाकर बैठक कर चुनाव की प्लानिंग करनी है। पार्षद जितनी ताकत चेयरमैन व महापौर पद के लिए भी लगानी है। इस रणनीति को लेकर हुई बैठक में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर भी मौजूद थे।
सभी नगर निगम में जीत का लक्ष्य
चौधरी ने कहा कि 2017 में भाजपा अलीगढ़ और मेरठ में महापौर चुनाव अपनी चूक से हारी थी। 2014 से यूपी में भाजपा का मत प्रतिशत लगातार बढ़ रहा है। आगामी निकाय चुनाव में सभी नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में जीत आवश्यक है। पार्टी इस बार सभी नगर निगम, पालिका परिषद और प्रत्येक वार्ड में अपना प्रत्याशी उतारेगी। पार्टी के प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने बताया कि मतदाता सूची में भाजपा और आरएसएस से संबद्ध मतदाताओं की जांच की जाएगी। जिनके नाम सूची में नहीं हैं उनके जुड़वाए जाएंगे। क्षेत्र, जिला और सभी निकायों में एक मतदाता सूची कार्य प्रमुख एवं बूथ प्रबंधन कार्य प्रमुख भी बनाया गया है। इस चुनाव की तैयारी के लिए 14-15 अक्तूबर को निकाय स्तर पर बैठक आयोजित की जाएगी। 16-17 अक्तूबर को वार्ड एवं शक्ति केंद्र तथा 19-20 अक्तूबर को बूथ स्तर पर बैठक आयोजित की जाएगी। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि मतदाता सूची पुनरीक्षण को हल्के में न लें। दूसरे दलों के लोग इस पर खास ध्यान देते हैं।
परिसीमन के अनुसार प्रत्याशी चयन
बैठक में बताया गया कि प्रत्याशी का चयन परिसीमन के बाद वार्ड या निकाय की स्थिति स्पष्ट होने और आरक्षण निर्धारण के आधार पर नवंबर में किया जाएगा। प्रत्याशी चयन में निकाय के चुनाव प्रभारी, सह प्रभारी, चुनाव संयोजक, जिला प्रभारी और जिलाध्यक्ष की राय अहम होगी।
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