जिला अस्पताल के हड्डी रोग विभाग में एक 12 साल के बच्चे ने डाक्टर को दिखाते हुए बताया कि सुबह उठने पर उसके हाथों की अंगुलियों में दर्द होता है। अंगुलियों टेंढ़ी होने लगती हैं। इसी तरह एक बुजुर्ग ने जोड़ों में दर्द की शिकायत दर्ज कराई। डाक्टर के अनुसार दोनों को अर्थराइटिस यानी गठिया की समस्या है और यह रोग अब किसी भी आयु वर्ग के व्यक्ति को हो सकता है। जिला अस्पताल के हड्डी रोग विभाग में आने वाले 200 मरीजों में 70 से 80 मरीज गठिया से पीड़ित आते है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एनडी शर्मा ने बताया कि हरसाल 12 अक्टूबर को वर्ल्ड आर्थराइटिस डे (विश्व गठिया दिवस) मनाया जाता है। इस दिन का मकसद लोगों को रुमेटाइड और मस्क्युलोस्केलेटल बीमारियों (आरएमडी) के बारे में जागरूक करना है। आर्थराइटिस यानी गठिया एक अकेली बीमारी नहीं है बल्कि 100 से भी अधिक विभिन्न स्थितियों का एक संग्रह है। जो जोड़ों को, जोड़ों के आसपास मौजूद उत्तकों को प्रभावित करता है। इन स्थितियों में आमतौर पर जोड़ों में अकड़न या कठोरता हो जाती है, दर्द और इन्फ्लेमेशन (सूजन) होने लगता है| आमतौर पर यह समस्या वयस्कों में अधिक देखी जाती है।
बुजुर्गों को ही नहीं बल्कि बच्चों को भी हो रहा गठिया
जिला अस्पताल के हड़्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. मधुसूदन सिंह का कहना है कि गठिया केवल बुजुर्गों में देखी जाने वाली बीमारी नहीं है। गठिया किसी भी आयु के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। गठिया कई प्रकार के होते हैं। उनमें एक जुवेनाइल या किशोर गठिया होता है। जुवेनाइल या किशोर गठिया 6 महीने से लेकेर 16 वर्ष की आयु के बच्चों में हो सकता है। यह तब होता हैं जब आपके शरीर का इम्यून सिस्टम, धीरे-धीरे जोड़ों में मौजूद स्वस्थ कोशिकाओं पर ही हमला करके उन्हें नुकसान पहुंचाने लगता है। किशोर गठिया के लक्षणों की बात करें तो इसमें प्रभावित जोड़ों में दर्द और सूजन शामिल है। इसके साथ ही जिन लोगों की त्वचा पर चकत्ते भी देखने को मिलते हैं उनको सोरियाटिक गठिया होता है।
गठिया बीमारी के हैं कई प्रकार
जिला अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. शक्ति मिश्रा बताते है कि ऑस्टियो आर्थराइटिस, जोड़ों के टूट-फूट के कारण होता है और आमतौर पर 60 की उम्र से ऊपर के लोगों में ही अधिक देखा जाता है। मोटापा, जोड़ों में लगी चोट, शरीर के किसी एक जोड़ का अत्यधिक इस्तेमाल (जैसे किसी खेल में) और बीमारी का पारिवारिक इतिहास- इन सारी चीजों के कारण आपको इस प्रकार के गठिया का खतरा अधिक हो सकता है। जोड़ों में दर्द इस तरह के गठिया का सबसे आम लक्षण है। हालांकि, बहुत से लोगों में दर्द सहने को लेकर सहनशीलता का स्तर अधिक होता है और खिलाड़ी या एथलीट, कई बार इस दर्द को अपने खेल से जोड़कर भी देखते हैं, इस कारण ज्यादातर मौकों पर यह बीमारी देर से डायग्नोज होती है। शरीर के प्रभावित जोड़ों में कठोरता या अकड़न महसूस होना, विशेष रूप से सुबह के समय में, और जोड़ों में चटचटाहट की आवाज आना भी ऑस्टियोआर्थराइटिस के कुछ अन्य लक्षण हैं।
इसके अलावा रुमेटाइड आर्थराइटिस (आरए) एक ऑटोइम्यून बीमारी है जो आपको किसी भी उम्र में प्रभावित कर सकती है। यह बीमारी धीरे-धीरे शुरू होती है और इसके लक्षण कई सप्ताह और महीनों में बढ़ते हैं। एक या एक से अधिक जोड़ों में कठोरता या अकड़न इस बीमारी का पहला लक्षण है। हालांकि आरए ज्यादातर हाथ और पैरों के जोड़ों को प्रभावित करता है हालांकि यह कंधे और कोहनी के जोड़ों को भी प्रभावित कर सकता है। थकान, कमजोरी, बुखार और वजन कम होना भी आरए के कुछ अन्य लक्षण हैं।
वहीं संक्रामक गठिया भी होता है। जिसे सेप्टिक आर्थराइटिस भी कहा जाता है, तब होता है जब आपके शरीर के किसी एक हिस्से में हुआ संक्रमण, एक या एक से अधिक जोड़ों में या जोड़ों के आसपास मौजूद द्रव में फैलता है, जिससे जोड़ों में दर्द और अकड़न, बुखार और कंपकंपी महसूस होने लगती है। यह वयस्कों की तुलना में बच्चों में अधिक देखने को मिलता है।
कारण
• खानपान में फास्ट फूड का इस्तेमाल
• गलत तरीके से उठना बैठना
• ज्यादा वजन होना, बीमार रहना
• यूरिक एसिड का बढ़ना
बचाव
• खानपान में संयमित भोजन लें
• मार्निग वाक करें
• योग आदि का सहारा लें
• समस्या होने पर चिकित्सक की सलाह लें
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