देवी दयाल रावत – तहसील प्रभारी कोंच
नवल किशोर रामलीला समिति की बैठक में कई प्रस्ताव किए गए पास।
कोंच। बजरिया में संपन्न होने वाली नवलकिशोर रामलीला रामलीला समिति की एक आवश्यक बैठक सर्वाचरण बाजपेई की अध्यक्षता में संपन्न हुई, जिसमें रामलीला से जुड़े लोगों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया बैठक में रामलीला के आयोजन को लेकर चर्चा की गई और सभी कार्यकर्ताओं को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गई बैठक में सर्व सम्मति से अध्यक्ष सभासद विशाल गिरवासिया बंटी ,मंत्री नरेश कुशवाहा ,कोषाध्यक्ष अमरेंद्र दुबे को चुना गया बैठक को संबोधित करते हुए अध्यक्ष बंटी गिरवासिया ने कहा कि मुझे समिति द्वारा जो जिम्मेदारी सौंपी गई है मैं अपने दायित्व का निष्ठा पूर्वक निर्वहन करते हुए पुरानी परंपरा अनुसार रामलीला संपन्न कराने के लिए कार्य करूंगा जो भी रामलीला की पुरानी परंपराएं हैं उन को ध्यान में रखते हुए लीलाएं संपन्न कराई जाएंगी मैं हमेशा प्रयास करूंगा कि जो भी जिम्मेदारी सौंपी गई है उसका बखूबी निर्वहन करते हुए अनुष्ठान कार्यक्रम संपन्न कराए जाएंगे उन्होंने कहा कि जिस कार्यकर्ता को जो भी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी वह अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन निष्ठापूर्वक करते हुए कार्य को पूर्ण करेगा ,बैठक में दर्जनों भर कार्यकर्ता मौजूद रहे।
पिछले कई दिनों से लगातार हो रही बारिश से किसानों की फसल चौपट।
कोंच। पिछले कई दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से जहां किसानों के खेत जलमग्न होने से तिली उड़द एवं सोयाबीन की फसलें चौपट हो गई है वहीं क्षेत्र के गांव के खेतों में भारी जलभराव होने से किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा पहाड़गांव क्षेत्र के गांवों में नरी ,सनाया ,बहता ,कमतरी कौशलपुर में इस समय भारी बारिश के कारण खेत जलमग्न हो गए हैं और खेतों में बोई गई तिली उड़द सोयाबीन की फसलें पूर्ण रूप से सड़ चुकी हैं जिस कारण किसानों को भारी नुकसान हो गया है इसी क्रम में जुझारपुरा ,बाबूपुरा ,किशनपुरा महेशपुरा आदि गांवों में खेत जलमग्न होने से किसानों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं वही तितरा ,खलीलपुर गांवों में बारिश ने किसानों की हालत काफी खराब कर दी है जिसको लेकर किसान आए दिन अधिकारियों को ज्ञापन देकर इस दैवीय आपदा की स्थिति से अवगत कराने में लगे हुए हैं लेकिन शासन के ढीले रवैया को देखते हुए अभी तक पीड़ित किसानों को ना ही कोई मुआवजा मिला और ना ही कोई अधिकारी जांच के लिए पहुंचा जिसको लेकर क्षेत्रीय किसानों ने मांग करते हुए कहा कि पिछले दिनों हुई भारी बारिश के कारण किसानों की फसलें पूर्ण रूप से चौपट हो गई है जिससे किसान पूरी तरह बर्बाद हो चुका है अगर शीघ्र ही किसानों को सहायता नहीं दी गई तो उनके परिवार भूखे मरने की कगार पर पहुंच जाएंगे इसके साथ ही आगामी फसलों की बुवाई का समय नजदीक है और खेतों में भरे पानी को देखते हुए यह नहीं कहा जा सकता कि खेतों में बकराई कब तक आएगी अगर दीपावली से पहले खेतों में बकराई नहीं आई तो अर्किल मटर की फसल भी हाथ से जाने का अंदेशा किसानों को सता रहा है ऐसी स्थिति में किसानों को शासन द्वारा सहायता प्रदान करना आवश्यक है जिसको लेकर नगर में कई समाजसेवी संगठनों ने मांग करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जिन किसानों की फसलों का नुकसान हुआ है उनकी जांच कराकर शीघ्र ही उन्हें सहायता प्रदान की जाए अब देखना यह है कि कब तक किसानों को सरकारी सहायता मिलती है।
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